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जिनेवा: भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute Of India) द्वारा बनने वाली कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) का इस्तेमाल अब दुनियाभर में होगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका (Oxford-AstraZeneca) द्वारा विकसित की गई दो कोविड-19 वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी है. इसमें सीरम इंस्टिट्यूट की वैक्सीन के अलावा दक्षिण कोरिया की एस्ट्राजेनेका-एसकेबायो की वैक्सीन है.
डब्ल्यूएचओ (WHO) ने सोमवार को जारी बयान में बताया, 'ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की वैक्सीन के दो संस्करणों को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई है ताकि दुनिया भर में कोवैक्स के तहत टीकाकरण (Corona Vaccination) को आगे बढ़ाया जा सके.' इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहानॉम ये भी कहा है कि हमें वैक्सीन के उत्पादन में तेजी लानी चाहिए.
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वैक्सीन को मंजूरी देने से ठीक एक दिन पहले यूएन की स्वास्थ्य एजेंसी के एक पैनल ने वैक्सीन को लेकर अंतरिम सिफारिश दी थी, जिसमें कहा गया था कि सभी वयस्कों को 8-12 हफ्तों के अंतराल पर वैक्सीन के दो डोज दिए जाने चाहिए.
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डब्ल्यूएचओ (WHO) ने पिछले साल दिसंबर में फाइजर (Pfizer) की कोरोना वैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी थी. बता दें कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (Oxford-AstraZeneca) की कोरोना वैक्सीन फाइजर की वैक्सीन के मुकाबले काफी सस्ती है.
डब्ल्यूएचओ (WHO) ने अपने बयान में कहा, 'ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की इन दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने के बाद दुनियाभर के कई देशों में कोवैक्स प्रोग्राम के तहत टीका लगाने का काम तेज हो जाएगा. इसके बाद दुनिया के जिन देशों में अभी तक वैक्सीन नहीं मिल पाई थी, वहां पर अब कोरोना के टीकाकरण की शुरुआत की जा सकेगी. बता दें कि कोवैक्स प्रोग्राम के तरह डब्ल्यूएचओ द्वारा दुनियाभर के गरीब देशों में कोरोना वैक्सीन पहुंचाने की कोशिश करती है.
बता दें कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने पिछले महीने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को देश में आपात इस्तेमाल को मंजूरी थी, जिसके बाद सरकार ने 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी. देशभर में 13 फरवरी तक 80 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका (Corona Vaccine) लगाया जा चुका है.