Trending Photos
नई दिल्ली: Electric Scooters में आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. पिछले एक हफ्ते में ऐसी चार घटनाएं हो चुकी हैं, जहां इलेक्ट्रिक स्कूटर्स को चार्ज करते समय या चलाते समय उसमें आग लग गई और इन घटनाओं में दो लोग मारे गए. Electric Scooters पैसा तो बचाते हैं लेकिन इनसे आपकी जान कौन बचाएगा? केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोक सभा में कहा कि सरकार इन सभी घटनाओं की Forensic जांच कराएगी और अगर इस जांच में इन वाहनों को बनाने वाली कंपनियां जिम्मेदार पाई जाती हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई होगी.
पिछले एक हफ्ते में Electric वाहनों में आग लगने की चार घटनाएं सामने आ चुकी हैं और इनमें दो लोगों की मौत भी हो चुकी है. 26 मार्च को तमिलनाडु के वेल्लोर में एक Electric Scooter को चार्ज करते समय उसमें विस्फोट हो गया था और इसकी वजह से एक व्यक्ति और उसकी बेटी की मौत हो गई थी. बताया जा रहा है कि इस व्यक्ति ने इस स्कूटर को जिस Socket में चार्जिंग के लिए लगाया था वो उसके कमरे में था और इस घटना के दौरान इस सॉकेट में भी धमाका हुआ और इसके बाद इस घर में आग लगने से दो लोगों की मौत हो गई.
बता दें कि पिछले एक हफ्ते में तमिलनाडु में इस तरह की तीन घटनाएं हुई हैं और बाकी दो घटनाओं में भी अचानक Electric Scooter की Battery से धुआं निकलने लगा. इसके बाद देखते ही देखते ही ये स्कूटर आग में धधकने लगे. इनमें जो घटना चेन्नई में हुई, उसमें एक व्यक्ति की जान बाल-बाल बची है. ये व्यक्ति जिस समय अपने Electric Scooter से कहीं जा रहा था, उस दौरान उसकी Battery से धुआं निकलने लगा और जब उसने इस स्कूटर को सड़क किनारे खड़ा कर दिया तो उसी दौरान इस स्कूटर से अचानक आग लग गई.
ये भी पढ़ें- सत्ता अस्थिरता के बीच इमरान का भाषण, जानें कैसे लोकतंत्र और पाक की नहीं होती यारी
ये घटनाएं सिर्फ तमिलनाडु तक सीमित नहीं हैं. 26 मार्च को महाराष्ट्र के पुणे में भी एक Electric Scooter में आग लग गई थी. और बड़ी बात ये है कि ये स्कूटर रातभर से एक ही जगह खड़ा था. यानी ना तो ये घटना इस स्कूटर को चलाते समय हुई और ना ही उसे चार्ज करते वक्त हुई. इन तमाम घटनाओं ने लोगों के मन में Electric Scooter को लेकर एक डर पैदा कर दिया है.
हम यहां एक बात स्पष्ट कर दें कि हम Electric वाहनों के खिलाफ नहीं हैं. हम भी मानते हैं कि ये Technology हमारे देश और पूरी दुनिया का भविष्य है. लेकिन हमें लगता है कि इन घटनाओं के बाद इस Technology में सुधार करने की जरूरत है और इसे और सुरक्षित बनाने की जरूरत है.
हालांकि एक सच ये भी है कि जब भी Electric वाहनों से जुड़ी Technology में सुधार की बात की जाती है या इस तरह की घटनाओं के बाद इन वाहनों को बनाने वाली कंपनियों पर सवाल उठते हैं तो ये कंपनियां इस आलोचना को बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं और इसे अपने खिलाफ पेट्रोल लॉबी की साजिश बताने लगती हैं. हो सकता है कि आज हमारे इस विश्लेषण को भी उसी नजरिए से देखा जाए लेकिन हम फिर से कहना चाहते हैं कि हम इलेक्ट्रिक वाहनों के बिल्कुल भी खिलाफ नहीं हैं और इस Technology का समर्थन करते हैं.
ये भी पढ़ें- युद्धकाल में भारत की बढ़ती कूटनीतिक ताकत, 1 महीने में 20 ग्लोबल लीडर्स ने किया दौरा
लेकिन हम ये भी मानते हैं कि अगर इस Technology में कोई खामी है तो उसमें सुधार लाना आवश्यक है. उदाहरण के लिए, अमेरिका में जब इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही थीं, तब वहां इसकी जांच हुई थी और इस जांच में ये कहा गया था कि Electric वाहनों में Lithium-Ion (लीथियम-आयन) Battery का इस्तेमाल होता है, जिसकी वजह ये बैटरी ज्यादा तापमान में गर्म होकर आग पकड़ लेती है. इसके अलावा इस रिपोर्ट में आग लगने के पीछे Vibration को भी एक कारण माना गया था. इसमें बताया गया था कि अगर वाहन के चलते समय बैटरी ज्यादा Vibrate करे तो इससे भी उसमें आग लग सकती है. इसके अलावा Manufacturing के दौरान कोई खामी रह जाए तो भी ऐसी घटनाएं हो सकती हैं.
भारत में Registered Electric वाहनों की संख्या 10 लाख 76 हजार 420 है जबकि भारत में Public Charging Stations की संख्या अब 1 हजार 742 हो चुकी है. हालांकि एक अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2026 तक भारत को चार लाख Charging Stations की जरूरत पड़ेगी और वर्ष 2030 तक इलेक्टिक वाहनों की ये Industry 150 Billion Dollar यानी लगभग साढ़े 11 लाख करोड़ रुपये की हो जाएगी. यानी आज की तुलना में ये Industry 90 गुना बड़ी हो जाएगी.
इन आंकड़ों से ये पता चलता है कि भारत के लोग इस Technology को अपनाना चाहते हैं लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को समझना होगा कि अगर वो इस Technology को सुरक्षित नहीं बनाएंगी तो लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से डरने लगेंगे क्योंकि पैसा तो किसी और भी तरीके से बचाया जा सकता है लेकिन जान नहीं बचाई जा सकती. इसलिए इस Technology का सुरक्षित होना जरूरी है.