सत्ता अस्थिरता के बीच इमरान का अहम भाषण, जानें कैसे लोकतंत्र और पाक की नहीं होती यारी
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सत्ता अस्थिरता के बीच इमरान का अहम भाषण, जानें कैसे लोकतंत्र और पाक की नहीं होती यारी

पाकिस्तान की जनता को संबोधित करते वक्त इमरान खान ने कई बड़ी बातें कही. उन्होंने कहा कि जनरल परवेज मुशर्रफ ने अमेरिका का हिमायती बनकर बहुत बड़ी गलती की थी. 

सत्ता अस्थिरता के बीच इमरान का अहम भाषण, जानें कैसे लोकतंत्र और पाक की नहीं होती यारी

नई दिल्ली: गुरुवार को इमरान खान के पाकिस्तान की जनता को संबोधित किया. इस दौरान इमरान खान ने कई बड़ी बातें कही हैं और उन्होंने कहा है कि जनरल परवेज मुशर्रफ ने अमेरिका का हिमायती बनकर बहुत बड़ी गलती की थी. अपने संबोधन के दौरान इमरान खान ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ अपनी सरकार बचाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री मोदी से मिलते थे.

  1. इमरान ने पाकिस्तान की जनता को किया संबोधित 
  2. कभी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाती पाकिस्तान सरकार
  3. लोकतंत्र और पाकिस्तान का दूर-दूर तक नहीं कोई नाता!

इमरान के भाषण की अहम बातें

इमरान खान ने कहा कि वो इस्तीफा नहीं देंगे और आखिरी गेंद तक डटे रहेंगे. इमरान खान ने ये भी कहा कि उनकी सरकार की नीतियां भारत या किसी और देश के खिलाफ नहीं थी और उनका किसी देश से कोई विरोध नहीं है. इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान चीटियों की तरह रेंग रहा है और लोग उन्हें दूसरे देशों का डर दिखा रहे हैं. इमरान खान ये भी कहा कि उनकी रशिया यात्रा से कुछ देश नाराज हो गए.

लोकतंत्र और पाकिस्तान का दूर-दूर तक नहीं कोई नाता!

आजादी के बाद जब भारत का विभाजन हुआ तो पाकिस्तान अस्तित्व में आया. लेकिन पाकिस्तान कभी भी राजनीतिक स्थिरता हासिल नहीं कर सका. 1947 के बाद से आज तक पाकिस्तान में कोई भी सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई है. पाकिस्तान में लोकतंत्र कभी जड़ें जमा ही नहीं पाया, उसका खड़े हो पाना तो दूर की बात है. आजादी के बाद से अब तक पाकिस्तान में 21 प्रधानमंत्री बन चुके हैं. लेकिन इनमें से कोई भी 5 साल का टर्म पूरा नहीं कर पाया. इमरान खान 22वें प्रधानमंत्री हैं जिनके साथ ये नौबत आ रही है. 

पाकिस्तान में संकट क्यों?

अब आपको बताते हैं कि पाकिस्तान में इमरान सरकार संकट में क्यों है. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल सदस्यों की संख्या 342 है. लेकिन इमरान की पार्टी के एक सांसद की मौत के बाद ये संख्या अभी 341 रह गई है. वहां बहुमत साबित करने के लिए 172 सांसदों की जरूरत होगी. मौजूदा स्थिति में इमरान खान के पास 163 सांसद हैं, जबकि इमरान के खिलाफ 178 सांसद हैं.

इमरान के साथ कौन?

इनमें इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के 155 सांसद हैं. जबकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-Q के 4 सांसद और Grand Democratic Alliance के 3 सांसद हैं. अवामी मुस्लिम लीग के एक सांसद भी इमरान के साथ हैं. इस तरह कुल संख्या 163 हो रही है.

शहबाज शरीफ के पक्ष में दिख रहा माहौल

जबकि इमरान के खिलाफ जो पार्टियां हैं उनमें सबसे ज्यादा 84 सांसद नवाज शरीफ और शहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग के हैं. इसलिए हो सकता है कि शहबाज शरीफ पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री बन जाएं. विपक्षी की ज्यादातर पार्टियों ने उनके नाम पर सहमति दे दी है.

2018 में जीतते तो पीएम बनते शाहबाज 

शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं. 2018 में हुए आम चुनाव में भी पाकिस्तान मुस्लिम लीग की तरफ से उन्हें ही प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था. हालांकि, तब इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने चुनाव जीत लिया था.

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