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नई दिल्ली. आपने कई फिल्मों में देखा होगा कि जेल में कैदियों को अक्सर सफेद और काली धारी वाली यूनिफॉर्म दी जाती है. सभी कैदी ये खास कलर में बनी यूनीफॉर्म पहनते हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि आखिर जेल में कैदियों को एक किस्म की यूनिफॉर्म क्यों दी जाती है? आज हम आपको इसकी वजह बताने जा रहे हैं.
जेल में कैदियों को यूनिफार्म देने के पीछे एक कहानी भी है, कि 18वीं सदी में अमेरिका में ओर्बन प्रिजन सिस्टम आया. माना जाता है यहीं से आधुनिक किस्म की जेल की शुरुआत हुई. बताया जाता है यहीं, ग्रे-ब्लैक कलर की धारीदार पोशाक भी दी गई.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे बड़ी वजह है कि ड्रेस तय होने से अगर कोई कैदी भागेगा, तो लोग उसे पहचान लेंगे और पुलिस को बता देंगे. इसके अलावा उनके अंदर अनुशासन की भावना भरने के लिए भी ड्रेस दी जाती है. इलके अलावा ग्रे-ब्लैक स्ट्रिप्स को एक 'सिंबल ऑफ शेम' के रूप में प्रस्तुत किया गया. लेकिन जब कैदियों के मानवाधिकार की बात हुई, तो सिंबल ऑफ शेम वाली बात हटा दी गई. इसके बाद करीब 19वीं सदी में काली सफेद ड्रेस चलन में आई.
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हालांकि ऐसा नहीं है कि पूरी दुनिया में भारत की तरह कैदियों को सफेद और काली धारी वाली यूनिफॉर्म दी जाती है. अलग-अलग देशों में अलग-अलग किस्म की ड्रेसेज हैं. भारत में अंग्रेजों के समय कैदियों की मानवाधिकार वाली बातें मानी गई. ऐसे में वहीं से ये ड्रेस चलन में आई. लेकिन सभी कैदियों को ड्रेस नहीं दी जाती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जो कैदी सजा याफ्ता होते हैं, उन्हें ड्रेस दी जाती है. इसके अलावा जिन्हें हिरासत में रखा जाता है, वे सामान्य कपड़ों में ही रहते हैं.
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