Bahadur Shah Zafar: इस मुगल बादशाह को थी ऐसी दर्दनाक बीमारी, जिसके इलाज के लिए वो करता था ताबीज पर भरोसा!
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Bahadur Shah Zafar: इस मुगल बादशाह को थी ऐसी दर्दनाक बीमारी, जिसके इलाज के लिए वो करता था ताबीज पर भरोसा!

Mughal History Bahadur Shah Zafar: कहा जाता है कि इस मुगल बादशाह को काला जादू पर पूरा भरोसा था. जिससे बचने के लिए वो कभी ऊंट तो कभी भैंसे की कुर्बानी दिया करता था. इसी बादशाह ने पीर-फकीरों की सलाह पर ताबीज पहनने के साथ जमीन में अंडे तक गड़वा दिए थे.

 

बहादुर शाह जफर फोटो साभार: THE BRITISH LIBRARY

Why Bahadur Shah Zafar Was Weak: मुगलिया शासन के पूरे दौर में अगर किसी बादशाह को सबसे नाकाम और कमजोर शासक माना जाता है वो थे आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर. भले ही उनके नाम में बहादुर शब्द जुड़ा था इसके बावजूद उन्हें मुगल इतिहास में एक कमजोर शासक ही माना जाता है. दरअसल कुछ लोगों का कहना है कि उनकी सहिष्णुता को उनकी कमजोरी माना गया. जिनकी मौत के साथ ही भारत में मुगल सल्तनत का अंत हो गया.

शरीर से भी कमजोर थे बहादुर शाह जफर

इतिहासकारों के मुताबिक बहादुर शाह जफर शरीर से भी काफी कमजोर थे. जबकि मुगल वंश की नींव डालने वाले बाबर से लेकर औरंगजेब तक के अधिकांश बादशाह कदकाठी में आखिरी शासक से कहीं ज्यादा मजबूत थे. बहादुर शाह जफर को जब सत्ता मिली तबतक अंग्रेज पूरे हिंदुस्तान को लगभग टेकओवर कर चुके थे. ऐसे में मजबूत ब्रिटिश सरकार ने उन्हें कुछ मामलों में फंसाकर रंगून (म्यांमार) भेज दिया जहां उनकी मौत हो गयी.

अक्सर बीमार रहता था बादशाह

बहादुर शाह जफर अक्सर बीमारियों की चपेट में आ जाते थे. वो इलाज के लिए ताबीज और गंडों पर भरोसा करते थे. नीम-हकीमों के अलावा पीर-फकीरों से उनकी बड़ी नजदीकी थी. यही नहीं, काला जादू पर भी उनका खूब भरोसा था.

दर्दनाक बीमारी के लिए बांधता था ताबीज

बहादुर शाह जफर पर मशहूर इतिहासकार विलियम डैलरिंपल ने एक किताब लिखी है द लास्ट मुगल. इसमें उन्होंने लिखा है कि एक बार जब बहादुर शाह जफर बीमार पड़े तो उन्हें लगा कि किसी की नजर लग गई है. इसके बाद सूफी पीरों को बुलावाया गया. जिन्होंने कागज पर कुछ लिखकर ताबीज बनाकर उन्हें देते हुए कहा कि इसे घोलकर पी लेना है. ऐसा करने से वो बुरी नजर से बच जाएंगे और पहले की लगी बुरी नजर का असर भी खत्म हो जाएगा.

बवासीर का इलाज टोने-टोटके से!

विलियम के मुताबिक बहादुर शाह को पाइल्स यानी बवासीर थी जिसके इलाज के लिए भी उन्होंने लिए ताबीज और गंडों का सहारा लिया था. उन्हें पेट की कई बीमारियां थी. जिससे इलाज के नाम पर वो एक खास नग की काफी बड़ी अंगूठी पहनते थे.

काला जादू करवाने वालों को जेल

बहादुर शाह जफर, काला जादू पर यकीन करते थे. इससे बचने के लिए वो कभी ऊंटों तो कभी भैसों की कुर्बानी दिलवाया करते थे. पीरों की सलाह पर वो जमीन में अंडे गड़वा देते थे. काला जादू से उन्हें इतना खौफ था कि अगर किसी ने उन्हें कह दिया कि फलाना आदमी काले इल्म का माहिर है, जो आप पर जादू कर सकता है तो वो उसे फौरन जेल भिजवा देते थे.

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