Sharad Pawar Autobiography: शरद पवार ने अपनी किताब में उद्धव ठाकरे को लेकर लिखी ऐसी बात, क्या टूट जाएगी महाविकास अघाड़ी?
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Sharad Pawar Autobiography: शरद पवार ने अपनी किताब में उद्धव ठाकरे को लेकर लिखी ऐसी बात, क्या टूट जाएगी महाविकास अघाड़ी?

Maharashtra Politics: 

फाइल फोटो

Sharad Pawar note on Uddhav Thackeray: एनसीपी (NCP) को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रही अटकलों और शरद पवार के पार्टी प्रमुख पद की कुर्सी को छोड़ने वाले बयान के बाद महाराष्ट्र की सियासत में उबाल आ गया है. इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता शरद पवार ने कहा है कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे शिवसेना के भीतर असंतोष को शांत करने में नाकाम रहे और उन्होंने बिना संघर्ष किए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.

ठाकरे में राजनीतिक कौशल की कमी: पवार

पवार ने अपनी आत्मकथा के संशोधित संस्करण में कहा कि उन्होंने और अन्य लोगों ने भी ठाकरे में राजनीतिक कौशल की कमी महसूस की, जिसकी एक मुख्यमंत्री को जरूरत होती है. इस पुस्तक का विमोचन मंगलवार को किया गया था. पवार ने अपनी किताब में ये भी लिखा कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच महा विकास आघाडी (MVA) का गठन केवल ‘सत्ता का खेल’ नहीं था, बल्कि यह अन्य राजनीतिक दलों के महत्व को किसी भी तरह समाप्त करने की भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रवृत्ति का भी कड़ा जवाब था.

उन्होंने कहा कि ऐसी आशंका थी कि एमवीए सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन ‘हमने ये नहीं सोचा था कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के कारण शिवसेना के भीतर ही तूफान उड़ खड़ा हो जाएगा. शिवसेना का नेतृत्व इस असंतोष को शांत करने में पूरी तरह से नाकाम रहा.’

उन्होंने कहा, ‘उद्धव ने जून 2022 में एकनाथ शिंदे और शिवसेना के अन्य विधायकों द्वारा उनके खिलाफ बगावत किए जाने के बाद बिना किसी संघर्ष के अपना इस्तीफा दे दिया, जिसके कारण एमवीए (MVA) सत्ता से बाहर हो गई.’

शरद पवार की समझ से परे उद्धव ठाकरे की बात

उन्होंने कहा कि ठाकरे का स्वास्थ्य भी उनके लिए एक चुनौती बन गया है. एनसीपी नेता ने कहा कि एक मुख्यमंत्री को ‘राजनीतिक कौशल’ की आवश्यकता होती है और उसे राजनीतिक गतिविधियों के बारे में पूरी तरह अवगत रहना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हम सभी ने महसूस किया कि इन चीजों की कमी थी.’ उन्होंने इसके लिए ठाकरे की अनुभवहीनता को जिम्मेदार ठहराया.

पवार ने लिखा कि प्रदेश के मध्यम वर्ग ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान फेसबुक लाइव के माध्यम से लोगों के साथ उद्धव ठाकरे की बातचीत को तो पसंद किया, लेकिन यह यह समझ पाना मुश्किल है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान केवल दो ही बार सरकार के मुख्यालय- मंत्रालय का दौरा क्यों किया.

(इनपुट: भाषा)

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