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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में चुनावी संग्राम का चौथा चरण भी पूरा हो गया है और इसी के साथ माना ये जा रहा है कि इस फेज से बीजेपी का नुकसान कम होना शुरू हो जाएगा. बीजेपी को लखनऊ, बनारस, इलाहाबाद और गोरखपुर जैसे जिलों में पिछला प्रदर्शन दोहराने की उम्मीद है. इन जिलों में बीजेपी नुकसान न के बराबर होता दिख रहा है.
इस फेज से सपा के MY यानी मुस्लिम+ यादव फैक्टर पर बीजेपी का MY यानी मोदी + योगी फैक्टर भारी पड़ेगा. क्योंकि छठे फेज में योगी के गढ़ गोरखपुर मंडल में चुनाव होगा. जहां करीब 41 सीटें हैं और प्रधानमंत्री मोदी के बनारस मंडल में करीब 28 सीटें है. इन दोनों मंडल में बीजेपी का प्रदर्शन एकतरफा रहने की उम्मीद है.
चौथे फेज और बाद के फेज का सबसे बड़ा मुद्दा आवारा पशुओं का है. इस इलाके के किसानों में आवारा पशुओं की वजह से फसल को हो रहा नुकसान, ठीकठाक गुस्सा दिखा रहा है. शायद इसी वजह से प्रधानमंत्री मोदी ने 2 दिन पहले ही इस मुद्दे पर पहली बार बोला और कहा कि 10 मार्च के बाद इस समस्या का समाधान जरूर निकाला जाएगा.
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चौथे फेज से ब्राम्हण वोटरों का रोल सबसे अहम हो जाता है. बुधवार को बसपा महासचिव सतीश मिश्रा ने एनकाउंटर में मारे गए ब्राह्मणों का मुद्दा उठाते हुए ब्राह्मण वोटरों को लुभाने की कोशिश की. आपको बता दें कि बीजेपी ने ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए अजय मिश्र टेनी (सांसद, लखीमपुर) को केंद्र में मंत्री बनाया था और किसानों के कुचले जाने के कांड के बावजूद उनको मंत्रिमंडल से नहीं हटाया गया था. इस फेज के साथ ही ब्राह्मण मतदाताओं का
चौथे फेज की सबसे दिलचस्प बात ये है कि इसी फेज में कांग्रेस परिवार के UP में आखिरी साम्राज्य यानी रायबरेली में भी चुनाव था. बुधवार को रायबरेली की 5 सीटों पर चुनाव था. जिसमें हर सीट पर सीधा मुकाबला बीजेपी और सपा के बीच है. ऐसा लग रहा है कि अब साम्राज्य से भी कांग्रेस का सूरज जल्द ही अस्त होने वाला है.
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कांग्रेस छोड़कर बीजपी में आई रायबरेली से उम्मीदवार अदिति सिंह तो 2022 और 2024 में भी कांग्रेस के इस गढ़ को खत्म करने की बात कर रही हैं. आपको बता दें 2017 में रायबरेली की 5 सीटों में से 2 बीजेपी, 2 कांग्रेस और 1 सपा के खाते में गई थीं. कांग्रेस के दोनों विधायक बीजेपी में शामिल होकर चुनावी मैदान में हैं.
इसके अलावा इस फेज से अपना दल और निषाद पार्टी का रोल भी शुरू होता है. बीजेपी को इसीलिए आने वाले फेज में 3 फेज में हुए नुकसान के भरपाई की उम्मीद है.
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