योग गतिविधियों ने 2015 में आयुष मंत्रालय को रखा व्यस्त
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योग गतिविधियों ने 2015 में आयुष मंत्रालय को रखा व्यस्त

नवगठित आयुष मंत्रालय पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का सफल आयोजन कर वर्ष 2015 में सुखिर्यों में रहा और योग दिवस के दौरान दो गिनीज विश्व रिकॉर्ड बने। पूर्व में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन आने वाले आयुष विभाग को नौ नवंबर, 2014 को एक पूर्ण मंत्रालय में बदल दिया गया। इसके पीछे उद्देश्य आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी में अनुसंधान को बढ़ाना देना और इन चिकित्सा प्रणालियों को लोकप्रिय बनाना था।

नयी दिल्ली: नवगठित आयुष मंत्रालय पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का सफल आयोजन कर वर्ष 2015 में सुखिर्यों में रहा और योग दिवस के दौरान दो गिनीज विश्व रिकॉर्ड बने। पूर्व में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन आने वाले आयुष विभाग को नौ नवंबर, 2014 को एक पूर्ण मंत्रालय में बदल दिया गया। इसके पीछे उद्देश्य आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी में अनुसंधान को बढ़ाना देना और इन चिकित्सा प्रणालियों को लोकप्रिय बनाना था।

श्रीपद नाइक के नेतृत्व वाले मंत्रालय ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के साथ गत वर्ष खुद को व्यस्त रखा। योग दिवस के मौके पर राजपथ पर बड़े पैमाने पर समारोह का आयोजन किया गया जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद मंत्रियों, नौकरशाहों, विदेशी गणमान्य लोगों, स्कूली बच्चों, एनसीसी कैडेट और अन्य की मौजूदगी में योग किया। इस मौके पर दो गिनीज विश्व रिकॉर्ड भी बने - पहला 35,985 भागीदारों के साथ सबसे बड़े योग सत्र का आयोजन और दूसरा एक अकेले योग सत्र में सबसे ज्यादा राष्ट्रीयता वाले लोगों (84 देशों के नागरिकों) के हिस्सा लेने का।

भारत के बाहर पहला योग दिवस युद्धग्रस्त यमन के अलावा बाकी सभी देशों में मनाया गया। विदेश मंत्रालय ने आयुष मंत्रालय और विभिन्न योग संगठनों के सहयोग से इनका आयोजन किया था। इसके साथ ही दो दिन के एक अंतरराष्ट्रीय समग्र स्वास्थ्य के लिए योग सम्मेलन का भी आयोजन किया गया जिसमें भारत और दूसरे देशों के करीब 1,300 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। आयुष मंत्रालय ने आयुष योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कई देशों के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी किए।

राज्यसभा में एक लिखित जवाब में नाइक ने बताया कि बड़ी संख्या में युवाओं को प्रशिक्षित करने और विभिन्न देशों में लोकप्रिय बनाने के लिए योग को सीबीएसई की शारीरिक शिक्षा एवं खेल गतिविधियों का अभिन्न हिस्सा बनाया गया। हालांकि उच्चतम न्यायालय ने अपने एक आदेश में कहा था कि लोगों को योग करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। इस मामले में याचिकाकर्ता ने स्कूलों में योग को एक अनिवार्य विषय के तौर पर पेश करने के लिए न्यायालय से निर्देश देने की मांग की थी।

 

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