ZEE जानकारी: संसद में हो रहा ज्यादा काम कुछ सांसदों को नहीं आ रहा पसंद !
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ZEE जानकारी: संसद में हो रहा ज्यादा काम कुछ सांसदों को नहीं आ रहा पसंद !

दोनों ही सदनों में जनता से जुड़े मुद्दों पर कई घंटों तक विचार-विमर्श किया जा रहा है. लेकिन, नेताओं की इसी भीड़ में कुछ नेता ऐसे भी हैं, जिन्हें ज़्यादा देर तक काम करने की वजह से परेशानी हो रही है.

ZEE जानकारी: संसद में हो रहा ज्यादा काम कुछ सांसदों को नहीं आ रहा पसंद !

शहरों के प्रदूषण के बाद अब हम काम के प्रति देश के माननीय सांसदों के दिमाग में फैले वैचारिक प्रदूषण की बात करेंगे. कुछ दिनों पहले ही हमने आपको बताया था, कि 17वीं लोकसभा में पहले के मुकाबले ज़्यादा काम हो रहा है. 

केंद्र सरकार, संसद के दोनों सदनों में एक के बाद एक नए-नए Bill पास करवा रही है. देश की जनता की भलाई के लिए कल ही राज्यसभा में The Motor Vehicle Amendment Bill पास कराया गया. इससे एक बात स्पष्ट है, कि देश के सांसद अब आपकी समस्याओं को लेकर गंभीर हैं. और दोनों ही सदनों में जनता से जुड़े मुद्दों पर कई घंटों तक विचार-विमर्श किया जा रहा है. लेकिन, नेताओं की इसी भीड़ में कुछ नेता ऐसे भी हैं, जिन्हें ज़्यादा देर तक काम करने की वजह से परेशानी हो रही है.

कोई इस बात का रोना रो रहा है, कि सुबह 9 बजे से लेकर रात के 12 बजे तक बैठना पड़ता है. तो कोई ये कह रहा है, कि वो रोज़-रोज़ Extra Time वाला Torture नहीं झेल सकते. कुछ माननीय सांसद ऐसे भी हैं, जिन्हें सरकार द्वारा पास कराए जा रहे Bills, किसी साज़िश का हिस्सा लग रहे हैं. और इसके लिए वो ये दलील दे रहे हैं, कि सरकार क़ानून बनाने के लिए Bill पास करवा रही है, या Pizza की Delivery कर रही है.

मुलायम सिंह यादव जैसे मंझे हुए नेता एक कदम आगे निकल गए. आज उन्होंने ये कह दिया, कि संसद में ज़्यादा देर तक काम करने की वजह से कई सांसद शादी भी Attend नहीं कर पा रहे. ये सुनकर आपको हंसी आ रही होगी. लेकिन, ये एक बहुत गंभीर विषय है. जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए.
अब कुछ आंकड़ों की मदद से इन नेताओं की परेशानी को समझने की कोशिश कीजिए.

2009 से 2014 के बीच UPA-2 के कार्यकाल में लोकसभा का Productive Time सिर्फ 61 फीसदी था. यानी उस दौरान लोकसभा में तय समय के मुक़ाबले सिर्फ 61 प्रतिशत काम हुआ. ये 2014 से पहले, 50 साल की सबसे खराब Performance
थी. 

15वीं लोकसभा में सिर्फ 179 Bills ही पास हो पाए. इस दौरान लोकसभा में क़रीब 13 सौ घंटे काम हुआ. यानी सालाना औसतन 270 घंटे काम हुआ. 

जबकि, आज़ादी के बाद पूरे पांच साल तक चलने वाली किसी भी लोकसभा से Bill पास होने का औसत क़रीब सवा तीन सौ है. 

आज़ाद भारत की पहली लोकसभा में 333 Bill पास हुए थे. उस वक्त देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु थे.

जबकि 17वीं लोकसभा में अब तक, तय समय से 31 प्रतिशत ज़्यादा काम हुआ है. यानी 15वीं लोकसभा के 61 प्रतिशत Productive Time के मुक़ाबले इस बार का आंकड़ा 131 प्रतिशत है. जो दोगुने से भी ज़्यादा है.

नई सरकार आने के दो महीनों के अंदर लोकसभा से 27 Bill पास हो चुके हैं. और 240 घंटे से ज़्यादा काम हो चुका है. जबकि UPA-2 के कार्यकाल में सालाना औसतन 270 घंटे काम हुआ.

और Extra Time का बहाना बनाने वाले नेताओं के लिए यही सबसे बड़ी चिंता का विषय है. जनहित से जुड़े काम करना सांसदों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. फिर चाहे इसके लिए उन्हें संसद में कुछ घंटे Extra ही क्यों ना बैठना पड़े. लेकिन इन सांसदों की बातें सुनने के बाद आप समझ गए होंगे, कि अपने काम के प्रति ये कितने गंभीर हैं. ये एक आलसी सोच है. जो देश के लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है. इनकी बातों ने नेताओं की Fitness पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े किए हैं. 

नेताओं की Fitness और उनके स्वास्थ्य का देश की राजनीति पर बहुत गहरा असर पड़ता है. 

बड़े नेताओं के छोटे-छोटे फैसलों से करोड़ों लोगों की ज़िंदगी पर फर्क पड़ता है.

देश के भविष्य की योजनाओं पर फर्क पड़ता है.

देश में होने वाले अरबों रुपये के निवेश पर फर्क पड़ता है. 

इसलिए देश के नेताओं को अपनी Fitness का ख़्याल रखना चाहिए. 

जीवन में Fit रहना कितना ज़रुरी है, ये आपने भी महसूस किया होगा. अलग-अलग Jobs के लिए आपको Fitness Test के ज़रिए साबित करना होता है, कि आप उस नौकरी के लिए पूरी तरह Fit हैं. और आपको स्वास्थ्य से संबंधित कोई शिकायत नहीं है.

निजी संस्थानों में काम करने वाले लोगों ने ये अनुभव किया होगा. सेना में शामिल होने के लिए भी Fitness को प्राथमिकता दी जाती है. सरकारी नौकरियों में भी Retierment की उम्र 60 साल तय है. यानी सबकुछ Fitness के इर्द-गिर्द ही है. मुलायम सिंह यादव 79 वर्ष के हैं. आनंद शर्मा की उम्र 66 साल है. राम गोपाल यादव 73 साल के हैं. और ये सभी जनता के प्रतिनिधि हैं. इसलिए खुद को Fit रखना भी इनकी ज़िम्मेदारी बनती है. अगर ये पूरी तरह Fit रहेंगे, तो ज़्यादा देर तक जनता की भलाई के लिए काम कर पाएंगे. वो भी मन लगाकर.

वैसे इसी पैमाने पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अन्य नेताओं से कहीं ज़्यादा Fit हैं. 68 साल के नरेंद्र मोदी पिछले 20 वर्षों से, बिना किसी छुट्टी के 18-18 घंटों तक काम करते आए हैं. इसके बावजूद उम्र के इस पड़ाव पर भी वो बहुत Fit हैं. अपने कई Interviews में वो बता चुके हैं, कि वो रोज़ाना योग करते हैं. और योग की वजह से ही वो इतने Fit रहते हैं. हाल ही में एक अंतर्राष्ट्रीय चैनल ने नरेंद्र मोदी का एक वीडियो जारी किया था. जिसमें वो बड़ी आसानी से मुश्किल हालातों का सामना कर रहे थे.  

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