ZEE जानकारी : बिना इंजन के 15 किलोमीटर तक दौड़ गई ट्रेन
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ZEE जानकारी : बिना इंजन के 15 किलोमीटर तक दौड़ गई ट्रेन

DNA में अब हम बिना इंजन के चलने वाली ट्रेन का विश्लेषण करेंगे. ये रेलवे की दुनिया का कोई चमत्कारी आविष्कार नहीं है, बल्कि लापरवाही का वो नमूना है, जिसे भारतीय रेलवे ने अंजाम दिया है.

ZEE जानकारी : बिना इंजन के 15 किलोमीटर तक दौड़ गई ट्रेन

DNA में अब हम बिना इंजन के चलने वाली ट्रेन का विश्लेषण करेंगे. ये रेलवे की दुनिया का कोई चमत्कारी आविष्कार नहीं है, बल्कि लापरवाही का वो नमूना है, जिसे भारतीय रेलवे ने अंजाम दिया है.

वैसे तो कोई भी ट्रेन, बिना इंजन के नहीं चल सकती. लेकिन भारत में कुछ भी हो सकता है. ओडिशा में एक ट्रेन 15 किलोमीटर तक, बिना इंजन के, अपने आप चलती रही. और कोई कुछ नहीं कर पाया. हमारे बहुत सारे दर्शकों ने इस अजीबोगरीब घटना का वीडियो रिकॉर्ड करके हमें भेजा है. सबसे पहले आप ये वीडियो देखिए, इसके बाद हम इस लापरवाही का विश्लेषण करेंगे. 

अभी आपने जो वीडियो देखा वो ओडिशा के तितलगढ़ रेलवे स्टेशन का है. शनिवार को रात करीब 10 बजे इस स्टेशन पर अहमदबाद-पुरी एक्सप्रेस खड़ी थी. इस ट्रेन को आगे संबलपुर जाना था. और ट्रेन का इंजन बदला जा रहा था. तभी अचानक इस ट्रेन के 22 Coach अपने आप चलने लगे. इस वीडियो में आपने Platform पर मौजूद यात्रियों को चिल्लाते हुए भी सुना होगा. जो ट्रेन की चेन खींचने के लिए कह रहे थे. लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता ट्रेन Platform से निकलकर Speed पकड़ चुकी थी. 

अब दिमाग में पहला सवाल ये आता है कि जब ट्रेन में कोई इंजन लगा नहीं था, तो फिर ये ट्रेन चली कैसे? हमने इसका जवाब ढूंढा है. आम तौर पर जब भी ट्रेन का इंजन बदला जाता है तो, इस बात का ध्यान रखा जाता है कि ट्रेन के डिब्बों पर Skid Brakes लगाये जाएं, ताकि डिब्बे अपने आप ना खिसकें. लेकिन इस स्टेशन पर रेलवे के कर्मचारियों ने बड़ी लापरवाही की और Skid Brake नहीं लगाये. और ढलान की वजह से, ट्रेन के डिब्बे अपने आप ही खिसकने लगे. ढलान की वजह से इस ट्रेन ने अच्छी खासी रफ्तार पकड़ ली. ये ट्रेन बिना इंजन के करीब 35 मिनट तक चलती रही और सीधे 15 किलोमीटर दूर केसिंगा रेलवे स्टेशन पर जाकर रुकी. इस स्टेशन पर रेल की पटरियां ढलान पर नहीं बल्कि थोड़ी ऊंचाई ((upward incline)) पर थीं . इसलिए ये ट्रेन यहां से आगे नहीं बढ़ पाई.

अब ज़रा सोचिए कि इस 15 किलोमीटर की दूरी में क्या क्या हो सकता था. 15 किलोमीटर बहुत बड़ी दूरी होती है, हममें से तो बहुत से लोग अपने दफ्तर जाने के लिए भी 15 किलोमीटर की यात्रा नहीं करते हैं. ऐसे में कोई ट्रेन बिना ड्राइवर और इंजन के, रेल की पटरियों पर 15 किलोमीटर तक बेकाबू होकर दौड़ती रहे, तो सोचिए कि ख़तरा कितना ज्यादा है. इस दौरान कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी, लेकिन किस्मत अच्छी थी कि ऐसा नहीं हुआ. 

अब रेलवे ने इस लापरवाही की जांच के आदेश दे दिये हैं. और इस घटना के लिए ज़िम्मेदार 7 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है, इनमें दो ट्रेन Drivers भी शामिल हैं.

भारत बहुत जल्द, बुलेट ट्रेन चलाने के सपने देख रहा है, लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त ये है कि हम सामान्य Trains को भी ठीक से नहीं चला पा रहे हैं. आप ये भी कह सकते हैं कि हमारे सिस्टम का इंजन विश्राम वाली अवस्था में खड़ा हुआ है. बुलेट ट्रेन एक सपना है, जबकि भारत के रेलवे सिस्टम की ये तस्वीर एक कड़वी हकीकत हैं. 

ट्रेन में सवार होने से पहले रेलवे प्लेटफॉर्म पर, आपको एक संदेश सुनाई देता है, जिसमें कहा जाता है, कि हम आपकी सुखद और मंगलमय यात्रा की कामना करते हैं. लेकिन अगली बार ये संदेश सुनने के बाद आपको अपनी ट्रेन का इंजन भी चेक करना पड़ेगा. 

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