ZEE जानकारीः क्या नारियल का तेल, आपके लिए ज़हर के समान है?
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ZEE जानकारीः क्या नारियल का तेल, आपके लिए ज़हर के समान है?

Harvard university की प्रोफेसर के मुताबिक नारियल के तेल में Saturated fats की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है जिससे शरीर में LDL Cholesterol बढ़ जाता हैं और यही दिल की बीमारियों का कारण बनता हैं . 

ZEE जानकारीः क्या नारियल का तेल, आपके लिए ज़हर के समान है?

क्या नारियल का तेल, आपके लिए ज़हर के समान है? इस सवाल पर पूरी दुनिया में बहस हो रही है क्योंकि अमेरिका की Harvard university की एक प्रोफेसर ने नारियल के तेल को, ज़हर के समान बताया है. उनका कहना है कि खानपान में इस तेल के इस्तेमाल से दिल की बीमारियां होती हैं. इस रिपोर्ट के आने के बाद दुनिया भर में ये बहस शुरू हो गई है कि नारियल का तेल खाना चाहिए या नहीं खाना चाहिए ? अगर आप किसी भी रूप में नारियल के तेल का सेवन करते हैं तो हमारा ये विश्लेषण आपकी बहुत मदद कर सकता है . 

सबसे पहले आपको ये समझने की ज़रूरत है कि नारियल के तेल को किस आधार पर ज़हर बताया गया है . Harvard university की प्रोफेसर के मुताबिक नारियल के तेल में Saturated fats की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है जिससे शरीर में LDL Cholesterol बढ़ जाता हैं और यही दिल की बीमारियों का कारण बनता हैं . 

नारियल के तेल में करीब 87 प्रतिशत Saturated fat होता है जो प्राकृतिक रूप से मिलता है . नारियल के तेल पर लंबे समय से रिसर्च करने वाली कई दूसरी संस्थाओं के मुताबिक प्राकृतिक चीज़ों से मिलने वाला Saturated fat अगर संतुलित मात्रा में खाया जाए तो नुकसानदायक नहीं होता है . अमेरिका की Cambridge University की एक रिपोर्ट के मुताबिक नारियल का तेल शरीर के लिए फ़ायदेमंद है... इससे दिल की बीमारियों और Heart attack का ख़तरा कम होता है 

वर्ष 2008 में अमेरिका की Columbia University ने नारियल के तेल पर किये गये एक रिसर्च में ये पाया कि ये शरीर का वज़न कम करता है . ब्राज़ील की एक university ने वर्ष 2009 में की गई एक रिसर्च में ये बताया कि नारियल तेल का वज़न कम करने में फ़ायदेमंद होता है इससे पेट के आसपास की चर्बी कम होती है . अमेरिका के एक अख़बार The New York Times ने वर्ष 2016 में नारियल तेल का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर एक रिसर्च किया था जिसमें 72 प्रतिशत आम लोगों ने इसे एक सेहतमंद तेल बताया था.

भारत में Kerala university की एक रिसर्च के मुताबिक तय मात्रा में नारियल तेल का इस्तेमाल आपके lipid profile को ठीक रखता है आसान भाषा में कहा जाए तो नारियल का तेल शरीर में Cholesterol लेवल को ठीक रखता है . 

कुल मिलाकर देखा जाए तो नारियल का तेल इतना नुकसान दायक नहीं है जितना कि Harvard university की महिला प्रोफेसर प्रचारित कर रही हैं . इसके पीछे उनका क्या मकसद है ये अभी नहीं कहा जा सकता है लेकिन नारियल तेल पर रिसर्च करने से पहले उन्हें अमेरिका के तमाम विश्वविद्यालयों से चर्चा करनी चाहिए थी . पूरी दुनिया में हुए रिसर्च के आधार पर ये कहा जा सकता है कि नारियल का तेल कोई ज़हर नहीं है . इसे संतुलित मात्रा में खाया जाए तो ये फायदेमंद है . आपके मन में सवाल उठ रहा रहा होगा कि नारियल के तेल की सही मात्रा कितनी होनी चाहिए ? 

डॉक्टरों के मुताबिक रोज़ के खाने में कुल Calories का 5 से 6 प्रतिशत Saturated fat खाने में शामिल किया जा सकता है एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए खाने में रोज़ाना 1800 से 2400 कैलोरी होनी चाहिए . इस हिसाब से आप दो बड़े चम्मच नारियल का तेल अपने खाने में शामिल कर सकते हैं . अगर आप दिल के मरीज़ है तो अपने डाक्टर की सलाह पर ही अपने तेल का चुनाव करें. आज आपको ये भी जानना चाहिए कि किस तेल में कितना Saturated fat होता है नारियल के तेल में Saturated fat की मात्रा 86 प्रतिशत होती है जो खाने में इस्तेमाल होने वाले तेलों में सबसे ज़्यादा है 

जबकि सरसो के तेल में इसकी मात्रा 12 प्रतिशत होती है . इसके अलावा Sunflower Oil में 9 प्रतिशत, सोयाबीन के तेल में 16 प्रतिशत और Olive Oil में Saturated fat की मात्रा 14 प्रतिशत होती है . इसलिए ज़्यादातर डॉक्टर ये सलाह देते हैं कि खाने के तेल को समय- समय पर बदलते हुए इस्तेमाल करना चाहिए . यानी किसी भी एक प्रकार के तेल को लंबे समय तक लगातार नहीं खाना चाहिए . आज हमने आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक रिपोर्ट तैयार की है . इस देखकर आप अपने खाने पीने आदतों में सुधार कर सकते हैं . 

दुनिया में ज़्यादातर देशों में खान-पान में नारियल के तेल का प्रयोग होता है.  दक्षिण भारत के अलावा फिलिपीन्स, इंडोनेशिया, अमेरिका और चीन में नारियल के तेल का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है.
अगर नारियल का तेल ज़हर है तो इन जगहों में रहने वाले लोगों की कई पीढ़ियां इसका सेवन करती रही हैं. अगर ये तेल ज़हर के समान होता तो इसका बहुत बुरा असर हो चुका होता. हमें लगता है कि हारवर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर को थोड़ा और Hardwork करने की ज़रूरत है.                                         

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