ZEE Jankari: सबूत मांगने वाला गैंग फिर सक्रिय है
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ZEE Jankari: सबूत मांगने वाला गैंग फिर सक्रिय है

कल तक जो टुकड़े-टुकड़े गैंग आज़ादी मांग रहा था.. वो आजकल सबूत मांग रहा है. 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी Camps पर Air Strike की थी.

ZEE Jankari: सबूत मांगने वाला गैंग फिर सक्रिय है

कल तक जो टुकड़े-टुकड़े गैंग आज़ादी मांग रहा था.. वो आजकल सबूत मांग रहा है. 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी Camps पर Air Strike की थी. ये आतंकवाद के खिलाफ़ भारत की एक बहुत बड़ी कार्रवाई थी. और इसके पीछे भारत के वायु सैनिकों की मेहनत और वीरता थी. लेकिन भारत के कुछ राजनीतिक दल और बुद्धिजीवी अब सरकार और सेना से, इस Air Strike के सबूत मांग रहे हैं और ये पूछ रहे हैं कि बालाकोट में वायुसेना की कार्रवाई के दौरान गिराए गए Bomb....जैश के अड्डों पर गिरे या फिर जंगल के पेड़ों पर गिरे ? कुछ लोग ये भी पूछ रहे हैं, कि आतंकवादी मारे भी गए या नहीं ?

अगर हां, तो मरने वालों की संख्या क्या है? आज वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल BS धनोआ ने इन सभी सवालों के जवाब दिए हैं.  और सबूत मांगने वालों को आईना दिखाया है. आज उन्होंने कहा कि वायु सेना का काम Target को Hit करना है लाशें गिनना नहीं. आज आप तीन साल पहले की घटना याद कीजिए.  जब Surgical Strike के बाद तत्कालीन Director General Military Operations, लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने देश को उस हमले से जुड़ी जानकारी दी थी. उस वक्त भी हमारे देश के राजनेताओं और बुद्धिजीवियों ने सबूत मांगने वाला एजेंडा चलाया था.  2016 की तरह, इस बार भी सबूत मांगने वाली शक्तियां बाहर आ गईं.  

भारत सरकार ने बालाकोट में Air Strike से पहले ये जांच करवाई थी कि बालाकोट के Target Camps में कितने आतंकवादी रहते हैं ? National Technical Research Organisation ने 26 फरवरी को ही वायु सेना के हमले से ठीक पहले ये Input दिए थे कि जिस इलाक़े में आतंकवादी शिविरों को Target किया गया, वहां हमले वाले दिन... 280 से 300 मोबाइल फोन Active थे .  और वायु सेना ने आज कहा है कि उन्होंने अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया है. अगर इन दोनों सूचनाओं को एक साथ देखें तो ये अनुमान लगाया जा सकता है कि 26 फरवरी को हुए वायु सेना के हमले में 250 से ज्यादा आतंकवादियों की मौत हुई होगी. 

इस बीच Social Media पर इस Airstrike के कुछ और सबूत भी Viral हो गये हैं. बालाकोट के Targets की दो सैटेलाइट तस्वीरें दिखाई जा रही हैं.  और दावा किया जा रहा है कि एक तस्वीर हमले से पहले की है और दूसरी हमले के बाद की है. हमले के बाद वाली तस्वीर में ये नज़र आ रहा है कि इमारतों की छत उड़ गई है. हम इन तस्वीरों को नहीं दिखा रहे हैं. क्योंकि इनकी पुष्टि नहीं हो सकी है.  इसके अलावा Social Media पर मौलाना मसूद अज़हर के छोटे भाई अम्मान अज़हर के भाषण की एक Audio Clip भी Viral है जिसमें वो बालाकोट पर हमले की बात स्वीकार कर रहा है.

अभी इसकी भी पुष्टि नहीं हो पाई है.  इस वक़्त देश के सोशल मीडिया में फेक न्यूज़ की आंधी चल रही है.  ऐसे में हमारा ये प्रयास है कि हम आप तक.. ऐसी ख़बरें ही पहुंचाएं जिनकी पुष्टि, किसी ना किसी रूप में हो चुकी है. कई बार सबूतों की तलाश के लिए Ground Zero पर जाना पड़ता है. 

और जिस प्रकार से हमारे देश की अलग-अलग पार्टियों के नेता और बुद्धिजीवी सबूत मांगने वाली राजनीति कर रहे हैं.  उसे देखकर तो यही कहा जा सकता है, कि विपक्षी दलों को इमरान ख़ान से बात करके एक Fact Finding टीम बालाकोट भेजने पर विचार करना चाहिए. अगर ज़रुरत पड़े, तो हमारे देश के विपक्षी नेता, अपने दल में डिज़ाइनर पत्रकारों और बुद्धिजीवियों को भी शामिल कर सकते हैं. और इमरान ख़ान से VISA लेकर, पाकिस्तान जा सकते हैं.  इमरान ख़ान के सौजन्य से पाकिस्तान जाने पर.. उनकी सारी शंकाएं दूर हो सकती हैं. 

हालांकि, यहां पर एक समस्या ये है, कि ये सारे लोग बालाकोट तक तो पहुंच जाएंगे.  लेकिन पाकिस्तान की सेना उन्हें उस स्थान पर नहीं जाने देगी, जहां जैश ए मोहम्मद का कैम्प था और जिसे भारतीय वायुसेना ने अपनी कार्रवाई में तबाह किया है.  अंतर्राष्ट्रीय News Channel, Wion के संवाददाता अनस मलिक ने भी जैश के अड्डे पर जाकर तथ्यों की प़ड़ताल करने की कोशिश की थी.

 लेकिन उन्हें एक तय सीमा से आगे नहीं जाने दिया गया.  इसके अलावा पाकिस्तान की सेना दुनियाभर के पत्रकारों को लेकर वहां गई थी.  लेकिन सबको उतना ही दिखाया गया, जितना पाकिस्तानी सेना दिखाना चाहती थी. लेकिन एक तथ्य ये भी है, कि सच को जितना दबाने की कोशिश की जाएगी.  वो उतनी ही तेज़ी से बाहर आएगा. 

इटली की एक मशहूर पत्रकार ने Wion पर पाकिस्तान के इस झूठ को Expose किया है.  आप भी उनकी बातें सुनिए. युद्ध काल में देश का मनोबल High होना चाहिए. लेकिन सबूत मांगने वाली राजनीति ने भारत का मनोबल तोड़ने की कोशिश की है.  कल गुजरात के अहमदाबाद में बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने ये बयान दिया था कि बालाकोट की Air Strike में 250 से ज्यादा आतंकवादियों की मौत हुई है.

अमित शाह के इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी के कई नेताओँ ने अलग-अलग भाषा और शब्दावली का इस्तेमाल करके भारत सरकार से ये पूछा है कि वो बताए कि बालाकोट में क्या हुआ ? और कितने आतंकवादियों की मौत हुई है ? सबसे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने एक Tweet करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ये सवाल पूछा कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया और दुनिया के बड़े बड़े अखबार ये कह रहे हैं कि बालाकोट में आतंकवादियों के मारे जाने के कोई सबूत नहीं हैं पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने भी Tweet करके ये पूछा है कि 300 आतंकवादी मारे गए, हां या नहीं ?

आपने आतंकवादियों को खत्म किया है या फिर पेड़ों को ? आगे उन्होंने इसे एक चुनावी नौटंकी बताते हुए लिखा... ऊंची दुकान फीका पकवान .  यानी हमारी राजनीतिक पार्टियों के लिए ये एक राजनीतिक पकवान है. आज कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बालाकोट Air Strike पर सरकार से पूरा खुलासा करने की मांग की है.

अब बीजेपी और कांग्रेस के बीच.. बयानों वाली Air Strike हो रही है.  ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर भारतीय सेना और देश की जनता का मनोबल ऊंचा उठाने का प्रयास किया है. गुजरात के अहमदाबाद में जनसभा को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद फैलाने वालों को हम घर में घुसकर मारेंगे . 

सबूत मांगने वाले और शांति की बात करने वाले नेता और बुद्धिजीवी आजकल पाकिस्तान में बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं .  पूरे पाकिस्तान में नवजोत सिंह सिद्धू और अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं की चर्चा और प्रशंसा हो रही है. 

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