ZEE Jankari: कारग‍िल के Point 4355 की कहानी, जो 20 साल पहले सबके सामने आया
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ZEE Jankari: कारग‍िल के Point 4355 की कहानी, जो 20 साल पहले सबके सामने आया

7 जुलाई 1999 को ही कैप्टन विक्रम बत्रा ने देश के लिए अपना बलिदान दिया था. अफसोस की बात ये है, कि कश्मीर से रिश्ता रखने वाले किसी भी नेता ने, शायद ही कैप्टन विक्रम बत्रा की याद में दो शब्द कहें हों.

ZEE Jankari:  कारग‍िल के Point 4355 की कहानी, जो 20 साल पहले सबके सामने आया

कश्मीर के नाम पर आज तक सिर्फ और सिर्फ राजनीति हुई है. और इसी राजनीति का शिकार वहां के आम लोग हुए हैं. आज वोट बैंक के नाम पर तुष्टीकरण करने वाले ऐसे नेताओं का चरित्र समझना भी ज़रुरी है और इसके लिए हम कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा की बात करेंगे.

कल 7 जुलाई थी और जिन लोगों ने कारगिल युद्ध को क़रीब से देखा है, वो कभी भी इस दिन को भूल नहीं सकते, क्योंकि 7 जुलाई 1999 को ही कैप्टन विक्रम बत्रा ने देश के लिए अपना बलिदान दिया था. अफसोस की बात ये है, कि कश्मीर से रिश्ता रखने वाले किसी भी नेता ने, शायद ही कैप्टन विक्रम बत्रा की याद में दो शब्द कहें हों. और यही इन लोगों का चरित्र है जो इनकी रखवाली करते हैं. ये उन्हें ही भूल जाते हैं.

लेकिन Zee News ऐसा नहीं होने देगा. हमने समय-समय पर कारगिल युद्ध से जुड़ी बातों का विश्लेषण किया है और इस बार भी हमारी टीम ने एक ऐसी ही Ground Reporting की है, लेकिन इस बार आपको कुछ नया और दिलचस्प देखने को मिलेगा. आज हम आपको द्रास सेक्टर में Point 4355 पर लेकर चलेंगे. ये वो इलाका है, जहां से ऊपर की दिशा में बत्रा टॉप दिखाई देता है. बत्रा टॉप को पहले Point 4875 कहा जाता था. जो क़रीब 15 हज़ार फीट की ऊंचाई पर मौजूद है और कैप्टन विक्रम बत्रा उसी Point पर दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हुए थे. लेकिन हमारा विश्लेषण Point 4355 पर आधारित है. क्योंकि, इसे पहली बार खोजा गया है.

वहां मिले हथियारों और कारतूस के आधार पर कहा जा रहा है, कि 20 साल पहले Point 4355 पर पाकिस्तानी सैनिकों ने अपना Post बना रखा था और वो ऊपर बैठकर, भारतीय सैनिकों पर हमला किया करते थे. पत्थरों से बने Post देखकर, अंदाज़ा लगाया जा रहा है, कि 20 साल पहले इस Post में कम से कम 30 पाकिस्तानी सैनिक मौजूद थे और 1999 में जब भारतीय सैनिक ऊपर की दिशा में आगे बढ़ रहे थे तो जान बचाने के लिए सभी पाकिस्तानी सैनिक वहां से भाग खड़े हुए. वो किस तारीख को भागे होंगे, ये नहीं कहा जा सकता. लेकिन दावा किया जा रहा है, कि उनमें से कोई भी जीवित नहीं बचा होगा.

अब आप Zee News के कैमरे से Point 4355 देखिए और समझने की कोशिश कीजिए, कि कारगिल युद्ध में विजय पाने के लिए हमारे सैनिकों को किन मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा होगा.

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