केंद्र सरकार ने इस एप के जरिये होने वाली किसी भी सरकारी मीटिंग पर रोक लगा दी है.
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नई दिल्ली: लाकडाउन (Lockdown) के चलते जहां दुनिया के ज्यादातर देशों में लोग अपने घरों में बैठने को मजबूर हैं. वहीं कई कंपनियां इन दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए जूम एप (ZOOM App) का इस्तेमाल कर रही है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों से एक बार में ही वीडियो चैट के जरिये बातचीत किया जा सके. हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक जूम ऐप से पर्सनल डेटा को आसानी से चोरी किया जा सकते हैं, ऐसे में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने एक ऐडवाइजरी जारी कर इसके इस्तेमाल में सावधानी बरतने की सलाह दी है.
रिपोर्ट के मुताबिक जूम एप इंड-टू-इंड इंक्रिप्टेड नहीं है जिसके चलते इसे आसानी से हैक भी किया जा सकता है. केंद्र सरकार ने इस एप के जरिये होने वाली किसी भी सरकारी मीटिंग पर रोक लगा दी है. देखा जाये तो टिक टॉक और जूम के ज्यादातर सरवर चीन में हैं जिसको लेकर सुरक्षा चिंतायें भी हैं। जर्मनी और दूसरे कुछ देशों ने इसके इस्तेमाल पर पहले से ही रोक लगा रखी है.
गृह मंत्रालय ने निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को जूम ऐप के इस्तेमाल पर कुछ गाइडलाईन भी जारी की है जिसके मुताबिक:
1- जूम का यूज करने से बचने की सलाह दी गई है.
2. मीटिंग के दौरान जूम का इस्तेमाल से पहले नई यूजर आईडी, पासवर्ड का इस्तेमाल किया जाए.
3. वेटिंग रूम फीचर को एनेबल करें, जिससे अवांछित लोग कांफ्रेस में शामिल न हो सके ।
4. ज्वाइन ऑप्शन को डिसेबल कर दें.
5. स्क्रीन शेयरिंग का ऑप्शन सिर्फ होस्ट के पास रखें.
6. किसी व्यक्ति के लिए रिज्वाइन का ऑप्शन बंद रखने की सलाह.
7. फाइल ट्रांसफर के ऑप्शन से बचने की सलाह दी गई है.
जूम पर जर्मनी, ताइवान, स्विट्जरलैंड, सिंगापुर ने बैन लगा दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वहीं कंपनियों में गूगल (google), स्पेसएक्स, टेस्ला, नासा और न्यूयॉर्क के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट ने भी इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. जूम ऐप (Zoom app) के सीईओ ने ऐप में मौजूद सुरक्षा खामियों को लेकर माफी मांगी है. सीईओ इरिक युआन ने कहा कि हम इस ऐप की खामियो को जल्द दूर कर लेंगे. कंपनी ने एक ई-मेल के जरिये दी अपने पक्ष और सफाई में कहा कि जूम अपने यूजर की सेफ्टी को लेकर काफी गंभीर है.