भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी.एस.येदियुरप्पा ने कहा, 'यह एक मुबारक दिन है, हर किसी को घर से बाहर आकर वोट देना चाहिए. हमें (भाजपा) को 150 से ज्यादा सीटें मिलेंगी और मैं 17 मई को सरकार बना रहा हूं.'
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बेंगलुरु: भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी.एस.येदियुरप्पा ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को निशाने पर लेेते हुए शनिवार (12 मई) को कहा कि 'जनता सिद्धारमैया से ऊब चुकी है.' इसके साथ ही उन्होंने जनता से बाहर आकर मतदान करने की अपील की. येदियुरप्पा ने कर्नाटक की जनता को बेहतर सरकार देने का वादा भी किया. इतना ही नहीं जीत के दावे के साथ भाजपा नेता ने कहा कि वो 17 मई को सरकार बनाने जा रहे हैं. इससे पहले बी.एस.येदियुरप्पा ने घर में पूजा की और उसके बाद शिकारपुर स्थित मंदिर भी गए.
उल्लेखनीय है कि आज (शनिवार, 12 मई को) कर्नाटक की 224 में से 222 सीटों के लिए सुबह 7 बजे से वोट डाले जा रहे हैं. मतदान शाम 6 बजे तक चलेगा. सुबह करीब 7 बजे ही बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा भी सुबह ही मतदान करने पोलिंग बूथ पर पहुंच गए. उन्होंने यहां शिमोगा में मतदान किया.
BJP Chief Ministerial candidate BS Yeddyurappa casts his vote in Shikarpur, Shimoga. #KarnatakaElections2018 pic.twitter.com/NCrU6NFrMM
— ANI (@ANI) May 12, 2018
भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी.एस.येदियुरप्पा ने कहा, 'यह एक मुबारक दिन है, हर किसी को घर से बाहर आकर वोट देना चाहिए. हमें (भाजपा) को 150 से ज्यादा सीटें मिलेंगी और मैं 17 मई को सरकार बना रहा हूं.'
It is an auspicious day, everyone should come out & vote. We (BJP) will get more than 150 seats & I'm gonna make the government on 17th May: BS Yeddyurappa, BJP. #KarnatakaElections2018 pic.twitter.com/Q5aD0sXQ3F
— ANI (@ANI) May 12, 2018
येदियुरप्पा ने कहा, 'सिद्धारमैया सरकार से जनता तंग आ चुकी है, मैंने जनता से बाहर आकर भाजपा के लिए वोट करने की अपील की है. मैं कर्नाटक के लोगों को सुनिश्चित करता हूं कि मैं सुशासन देने जा रहा हूं.'
People are fed up with the Siddaramaiah government. I urge the people to come out & vote for BJP. I assure the people of Karnataka that I'm going to give good governance: BS Yeddyurappa, BJP. #KarnatakaElections2018 pic.twitter.com/vZ8pxpDu3q
— ANI (@ANI) May 12, 2018
वोटिंग करने से पहले बी.एस.येदियुरप्पा ने घर में पूजा की और उसके बाद शिकारपुर स्थित संकट विमोचन अंजनेया मंदिर भी गए.
BJP leader BS Yeddyurappa visits temple in Shikarpur ahead of the assembly polls in Karnataka. #KarnatakaElections2018 pic.twitter.com/VWmNS8JjGt
— ANI (@ANI) May 12, 2018
222 विधानसभा सीटों पर चुनाव
बेंगलुरु के जयनगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार के निधन और राजाराजेश्वरी नगर सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान निर्वाचन नियमों के उल्लंघन की शिकायत की वजह से राज्य में 222 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे. इन दोनों जगहों पर 28 मई को वोट डाले जाएंगे, जिनका परिणाम 31 मई को आएगा. प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 113 सीटों की जरूरत है. जयनगर विधानसभा क्षेत्र के चुनाव को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बी.एन. विजय कुमार के चार मई को निधन होने के बाद रद्द कर दिया गया.
4.96 करोड़ वोटर्स तय करेंगे 2600 से ज्यादा उम्मीदवार का भाग्य
यहां कुल सीटों में से 36 अनुसूचित जाति और 15 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. इस चुनाव में करीब 4.96 करोड़ लोग मत डालने के पात्र हैं, जिसमें 2.52 करोड़ पुरुष और 2.44 करोड़ महिलाएं शामिल हैं. वहीं 4500 ट्रांसजेंडर भी इस बार चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं.
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजीव कुमार ने कहा, "यहां कुल 2,654 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं, जिसमें से 219 महिलाएं, 222 कांग्रेस से, 222 भाजपा से, 201 जद(एस) से, 1,155 स्वतंत्र उम्मीदवार और अन्य राष्ट्रीय, क्षेत्रीय पार्टियों के लगभग 800 उम्मीदवार शामिल हैं."
कांग्रेस-बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर
1985 के बाद से कर्नाटक में कोई भी दल लगातार दूसरी बार सत्ता में नहीं आ पाया है. उस साल रामकृष्ण हेगड़े की अगुवाई में जनता दल फिर सत्ता पर काबिज हुआ था. कांग्रेस , पंजाब के बाद एकमात्र बड़े राज्य पर काबिज रहने के लक्ष्य पर केंद्रित है जबकि बीजेपी कर्नाटक में अपनी सरकार बनाने के लिए जुटी हुई है.
भाजपा ने सिर्फ एक बार 2008 से 2013 तक कर्नाटक में शासन किया था, लेकिन उसका कार्यकाल पार्टी की अंदरुनी कलह और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा रहा था. उसके तीन मुख्यमंत्रियों में से एक और फिलहाल मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी एस येदियुरप्पा भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में थे. जनता दल सेकुलर के अध्यक्ष एच डी कुमारस्वामी ने माना है कि उनकी पार्टी के लिए यह जीवन - मरण का सवाल है. जदएस फिलहाल एक दशक से सत्ता से बाहर है.