कर्नाटक: सियासी ड्रामा के बीच अब प्रोटेम स्‍पीकर के हाथ में फ्लोर टेस्‍ट की कमान
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कर्नाटक: सियासी ड्रामा के बीच अब प्रोटेम स्‍पीकर के हाथ में फ्लोर टेस्‍ट की कमान

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत राज्‍यपाल ने शाम चार बजे से पहले बीजेपी नेता केजी बोपेय्या को प्रोटेम स्‍पीकर की शपथ दिलाई है.

एचडी कुमारस्‍वामी और बीएस येदियुरप्‍पा (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: कर्नाटक में सियासी ड्रामा अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विधानसभा की तरफ शिफ्ट हो गया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत राज्‍यपाल ने शाम चार बजे से पहले बीजेपी नेता केजी बोपेय्या को प्रोटेम स्‍पीकर की शपथ दिलाई है. अब बोपैय्या ही कोर्ट के निर्देशों के तहत शनिवार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराएंगे. बोयैप्‍पा विजयपेट से बीजेपी विधायक हैं और राज्‍य की पिछली बीजेपी सरकार में विधानसभा स्‍पीकर थे. कांग्रेस ने इस नियुक्‍त पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि उनके पास सभी विकल्‍प खुले हैं.

  1. 19 मई को शाम चार बजे कर्नाटक विधानसभा में शक्‍ित परीक्षण होगा
  2. इससे पहले राज्‍यपाल ने बीजेपी सरकार को 15 दिनों का मौका दिया था
  3. सुप्रीम कोर्ट ने इसके बजाय 24 घंटे में शक्ति परीक्षण का आदेश दिया

उल्‍लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई की सुबह फैसला देते हुए कहा है कि कर्नाटक विधानसभा में 19 मई को शाम चार बजे शक्ति परीक्षण होगा. कोर्ट में बीजेपी की तरफ से पेश वकीलों ने दलील दी थी कि सीक्रेट बैलट पेपर(गुप्‍त मतदान) से यह परीक्षण होना चाहिए लेकिन कोर्ट ने उनकी दलील को खारिज करते हुए कहा कि 18 मई को शाम चार बजे तक प्रोटेम स्‍पीकर की नियुक्ति की जानी चाहिए. इसी प्रोटेम स्‍पीकर की देखरेख में 19 मई को विधानसभा का शक्ति परीक्षण कराया जाएगा. इसलिए कोर्ट ने किसी पर्यवेक्षक की नियुक्ति नहीं की. इसी परिप्रेक्ष्‍य में प्रोटेम स्‍पीकर की नियुक्ति की गई.

कौन होगा प्रोटेम स्‍पीकर?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के आठ बार से कांग्रेस विधायक आरवी देशपांडे का नाम इस रेस में सबसे आगे चल रहा था. आमतौर पर विधानसभा या लोकसभा में सबसे ज्‍यादा समय बिताने वाले वरिष्‍ठ सदस्‍य का नाम इसके लिए प्रस्‍तावित किया जाता है और  2014 में जब 16वीं लोकसभा का गठन हुआ था तो नौवीं बार सांसद बने वरिष्‍ठ नेता कमलनाथ को प्रोटेम स्‍पीकर बनाया गया था.

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प्रोटेम(Pro-tem) स्‍पीकर
प्रोटेम (Pro-tem) लैटिन शब्‍द प्रो टैम्‍पोर(Pro Tempore) का संक्षिप्‍त रूप है. इसका शाब्दिक आशय होता है-'कुछ समय के लिए.' प्रोटेम स्‍पीकर की नियुक्ति गवर्नर करता है और इसकी नियुक्ति आमतौर पर तब तक के लिए होती है जब तक विधानसभा अपना स्‍थायी विधानभा अध्‍यक्ष नहीं चुन लेती. यह नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ-ग्रहण कराता है और यह पूरा कार्यक्रम इसी की देखरेख में होता है. सदन में जब तक विधायक शपथ नहीं लेते, तब तक उनको सदन का हिस्‍सा नहीं माना जाता. इसलिए सबसे पहले विधायक को शपथ दिलाई जाती है. जब विधायकों की शपथ हो जाती है तो उसके बाद ये लोग विधानसभा अध्‍यक्ष का चुनाव करते हैं. परंपरा के मुताबिक सदन में सबसे वरिष्‍ठ सदस्‍य को गवर्नर, प्रोटेम स्‍पीकर के लिए चुनते हैं.

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19 मई को शाम 4 बजे होगा शक्ति परीक्षण
इस बीच राज्‍यपाल द्वारा बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्‍पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के विरोध में कांग्रेस-जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उस पर फैसला देते हुए कोर्ट ने 19 मई को शाम चार बजे कर्नाटक में शक्ति परीक्षण का आदेश दिया है. इससे पहले राज्‍यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के साथ 15 दिनों में बहुमत साबित करने के लिए कहा था.

हालांकि बीजेपी की तरफ से कहा गया कि वह 19 मई को शक्ति परीक्षण के लिए तैयार नहीं हैं, लिहाजा उसको कुछ और वक्‍त दिया जाना चाहिए लेकिन कोर्ट ने उनकी दलील नहीं सुनी. इसके बरक्‍स कांग्रेस-जदएस गठबंधन की तरफ से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वह 19 मई को शक्ति परीक्षण के लिए तैयार हैं.

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