बिहार के सीमांचल की अहम लोकसभा सीट कटिहार में देश के दूसरे आम चुनाव 1957 के दौरान पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था. कटिहार इससे पहले पूर्णियां जिले का हिस्सा था. कटिहार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में छह विधानसभा सीट कटिहार, कदवा, बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी और बरारी शामिल हैं. पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित कटिहार लोकसभा सीट की पौराणिकता देखें तो भगवान श्रीकृष्ण का यहां आगमन हुआ था. वहीं, ऐतिहासिकता देखें तो कुरसेला स्थित त्रिमोहानी संगम में 12 फरवरी 1948 को महात्मा गांधी का अस्थि कलश विसर्जित किया गया था. अंग, मगध, मुगल और अंग्रेज शासन में रहने के कारण यहां कई ऐतिहासिक इमारतें आज भी मौजूद हैं.कसभा चुनाव 2019 में चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कटिहार लोकसभा क्षेत्र में 9 लाख 39 हजार 260 मतदाता पुरुष हैं. 8 लाख 65 हजार 305 महिला वोटर हैं और 102 थर्ड जेंडर के वोटर हैं. जातीय जनगणना पर 41 फीसदी मुस्लिम, 11 फीसदी यादव, 8 फीसदी सवर्ण, 16 फीसदी वैश्य, 18 फीसदी पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग और 6 फीसदी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोग शामिल हैं. जातीय गणना की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में करीब साढ़े 52 प्रतिशत लोग साक्षर हैं. करीब 1 लाख 40 हजार लोग खेती पर निर्भर करते हैं.
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