कौशांबी 1997 से पहले तक प्रयागराज (तब इलाहाबाद) का हिस्सा हुआ करता था. अब यह अलग जिला है. यमुना नदी के उत्तर तट पर यह क्षेत्र चित्रकूट, प्रतापगढ़, फतेहपुर और इलाहाबाद से घिरा है. बौद्ध भूमि के रूप में कौशांबी काफी प्रसिद्ध हैं. पौराणिक कथा के अनुसार कौशांबी को पांडवों के वंशजों ने नई राजधानी बनाया था. अब इसी कौशांबी लोकसभा सीट पर चुनाव होने जा रहे हैं. खास बात यह है कि कौशांबी यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का गृह जनपद है. यहां वोटरों की संख्या 18 लाख के करीब है. कौशांबी लोकसभा सीट पर अनुसूचित जाति के वोटरों की तादाद 52 प्रतिशत के आसपास बताई जाती है. ओबीसी 26 प्रतिशत और सामान्य वोटर 12 प्रतिशत हैं. 2014 से पहले यह सीट चायल लोकसभा कही जाती थी. पहले यहां कांग्रेस का प्रभाव था, बाद में सपा ने जीत दर्ज की थी. इस लोकसभा में 5 विधानसभाएं आती हैं- सिराथू, मंझनपुर, चायल और प्रतापगढ़ जिले से बाबागंज और कुंडा. 2008 में सपा से शैलेंद्र कुमार जीते थे. इसके बाद पिछले दो चुनावों में भाजपा के विनोद कुमार सोनकर जीतते रहे.
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