Eating Habits: बहुत लोगों को मालूम नहीं, पर Lunch में ये चीजें भूल से भी नहीं खानी चाहिए
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Eating Habits: बहुत लोगों को मालूम नहीं, पर Lunch में ये चीजें भूल से भी नहीं खानी चाहिए

Eating Habits: एक स्टडी के मुताबिक, आप क्या खाते हैं और कब खाते ये आपके हृदय के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है. अगर आप हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर खाना दिन में एक निश्चित समय में खाते हैं, तो इससे आपको ज्यादा फायदा मिलेगा

Eating Habits: बहुत लोगों को मालूम नहीं, पर Lunch में ये चीजें भूल से भी नहीं खानी चाहिए

नई दिल्ली: ऐसा कहा जाता है कि अगर आप स्वस्थ और लंबा जीवन जीना चाहते हैं तो अच्छा खाना जरूरी है. संतुलित भोजन लेने से आपको एनर्जी और पोषण मिलता है और आप कई गंभीर बीमारियों के खतरे से दूर रहते हैं. वहीं आप किस वक्त, क्या चीज खाते हैं, ये भी मायने रखता है. एक स्टडी के मुताबिक, आप क्या खाते हैं और कब खाते हैं, ये आपके हृदय के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है. 

  1. अपने खाने को Circadian rhythm के हिसाब से प्लान करें.
  2. ब्रेकफास्ट के बाद कोई फल खाएं.
  3. लंच में प्रोसेस्ड फूड को कम करें. 

अगर आप स्टार्च युक्त स्नैक्स खाते हैं...

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक, खाना खाने के बाद अगर आप स्टार्च युक्त स्नैक्स खाते हैं, तो इससे 45 प्रतिशत तक Cardiovascular Disease होने का और 50 प्रतिशत तक मौत का खतरा रहता है. 

स्टडी में कहा गया है कि अगर आप हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर खाना जैसे फल, सब्जियां, दालें और डेयरी प्रोडक्ट्स दिन में एक निश्चित समय में खाते हैं, तो इससे आपको ज्यादा फायदा मिलेगा और स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतों से आप दूर रहेंगे.

ईटिंग हैबिट्स पर स्टडी 

इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने 21,503 प्रतिभागियों की हेल्थ रिपोर्ट की जांच की. ये साल 2003 से 2014 तक का डेटा था, जो National Health and Nutrition Examination Survey (NHANES) में कलेक्ट किया गया था. शोधकर्ताओं ने इस स्टडी में प्रतिभागियों की ईटिंग हैबिट्स को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा, जिससे खाने-पीने की आदतों का उनके स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है, ये देखा जा सके. इसे इस तरह बांटा गया-

ब्रेकफास्ट कैटेगरी- वेस्टर्न ब्रेकफास्ट, स्टार्ची ब्रेकफास्ट और फ्रूट ब्रेकफास्ट
लंच कैटेगरी- वेस्टर्न लंच, वेजिटेबल लंच और फ्रूट लंच.
डिनर कैटेगरी- वेस्टर्न डिनर, वेजिटेबल डिनर और फ्रूट डिनर.
स्नैक कैटेगरी- ग्रेन स्नैक, स्टार्ची स्नैक, फ्रूट स्नैक और डेयरी स्नैक.

शोधकर्ताओं ने पाया कि वेस्टर्न लंच ग्रुप वाले लोगों ने ज्यादातर रिफाइंड अनाज, सॉलिड फैट, चीज, एडेड शुगर और मीट जैसी चीजें खाईं. स्टडी के मुताबिक, इस ग्रुप के लोगों में हार्ट से जुड़ी ​बीमारियों की वजह से मरने का खतरा 44 प्रतिशत तक बढ़ गया. 

वेजिटेबल बेस्ड डिनर

वहीं वो लोग जिन्होंने लंच में सिर्फ फल खाए, उनमें हृदय से जुड़ी बीमारियों की वजह से मरने का खतरा 34 प्रतिशत तक कम हुआ. इस ग्रुप के लोगों ने ज्यादा मात्रा में साबुत अनाज, फल, दही और नट्स का सेवन किया. वहीं जिन लोगों ने वेजिटेबल बेस्ड डिनर किया और ज्यादातर सब्जियां और दालें खाईं, उनमें कार्डियोवास्कुलर डेथ का खतरा 23 प्रतिशत तक कम हुआ.

टाइमिंग क्यों जरूरी 

शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने Starch Meal ली, उनमें मौत का खतरा 50 से 52 प्रतिशत तक बढ़ गया. हालांकि शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि स्नैकिंग इसकी एकमात्र वजह नहीं है, बल्कि जरूरी है कि आप अपनी Circadian Rhythm के हिसाब से खाएं, जिससे आपकी सेहत को इसका फायदा पहुंचे.

Circadian Rhythm के हिसाब से कैसे खाएं?

अपने खाने को Circadian Rhythm के हिसाब से प्लान करें. ब्रेकफास्ट के बाद कोई फल खाएं. आप हर तरह के फल खा सकते हैं. लंच में प्रोसेस्ड फूड को कम करें. मीट, रिफाइंड अनाज और एडेड शुगर से बचें. इसके बदले फलों और साबुत अनाज को डाइट में शामिल करें.

शाम में स्नैक के तौर एक मुट्ठी अखरोट, दही और फ्रेश बेरीज बेहतर विकल्प हैं. ऐसा स्नैक चुनें जो स्टार्ची न हो. वहीं डिनर में ज्यादा से ज्यादा ​सब्जियों और दालों को शामिल करें.

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