चालीस से पैंतालिस उम्र तक जो कुछ भी हम खा रहे हैं, उसी में से हमें कैल्शियम मिलता रहता है. खासतौर पर महिलाओं को जैसे ही मोनोपॉज होने लगता है वैसे ही उन्हें कैल्शियम डाइजेस्ट होना कम हो जाता है. फलों और सब्जियों से मिलने वाला कैल्शियम आपके लिए पर्याप्त नहीं होगा.
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नई दिल्ली: यह गाना तो आपने सुना ही होगा, “पान खाए संइया हमार हो”. तो यह जान लीजिए कि पान खाना केवल नवाबों का शौक नहीं रहा है. कई हजार साल पहले आयुर्वेदाचार्य बाग्वट ने इसके अनेकों फायदे बताए. यह भी बताया है कि पान खाएं तो चूने के साथ ही खाएं, क्योंकि चूना सबसे बेहतरीन वातनाशक औषधि है. मेथी का दाना तो है ही, चूना उससे भी एक डिग्री ऊपर है. इसके अलावा चूना शरीर में कैल्शियम की कमी को भी दूर करता है.
कैल्शियम की कमी से कौन-से रोग होते हैं
यदि शरीर में कैल्शियम की कमी हो तो निश्चित ही आपको मांसपेशियों और हड्डियों का दर्द होगा. हड्डियों की जितनी विकृतियां हैं वो सब कैल्शियम की कमी से आती हैं. इससे आपको रक्त के बहुत सारे रोग हो सकते हैं. चिकित्सकों का मानना है कि कफ का रोग भी कैल्शियम की कमी से ही होता है. आधुनिक विज्ञान यह कहता है की कैल्शियम वो माइक्रोन्युट्रियंट है, यानी वो सूक्ष्म पोषक तत्व है, जिसके शरीर में रहने पर ही दूसरे पोषक तत्व मौजूद रहते हैं.
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यदि आपको शरीर में विटामिन- सी का असर देखना है, तो कैल्शियम चाहिए. विटामिन-ए का असर देखना है तो कैल्शियम चाहिए. विटामिन-बी के लिए भी कैल्शियम आवश्यक है. यहां तक कि विटामिन-डी के लिए भी आपको कैल्शियम चाहिए होता है. प्रोटीन आपके शरीर में अच्छे से काम में आये तो कैल्शियम चाहिए. इसलिए कैल्शियम की उपलब्धता शरीर को होनी ही चाहिए.
चूना कितना कारगर है?
चालीस से पैंतालिस उम्र तक जो कुछ भी हम खा रहे हैं, उसी में से हमें कैल्शियम मिलता रहता है. खासतौर पर महिलाओं को जैसे ही मोनोपॉज होने लगता है वैसे ही उन्हें कैल्शियम डाइजेस्ट होना कम हो जाता है. फलों और सब्जियों से मिलने वाला कैल्शियम आपके लिए पर्याप्त नहीं होगा. अब आपको जरूरत पड़ती है कि बाहर से कैल्शियम लें. ऐसे में आप चूना खा सकती हैं, क्योंकि अतिरिक्त बाहर से कैल्शियम इसी से मिलेगा.
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चूना कितना खाना चाहिए
यह पान खाने की परंपरा बहुत वैज्ञानिक है. पान खाना भारतीय परंपरा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है, लेकिन ध्यान यह रखिए की पान चूने का ही खाना है. गेहूं के दाने के बराबर चूना खाएं, इससे ज्यादा नहीं. इसे दही, मट्ठा या पानी के साथ भी खा सकते हैं. दाल में भी डालकर खा सकते हैं. 15 दिन खाएं फिर कुछ दिन छोड़ दें. कम-से कम छह महीने लगातार इसे कीजिए. आपके शरीर को भरपूर कैल्शियम मिलेगा.