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नई दिल्ली: कान में खुजली या फिर हल्का दर्द महसूस होने पर अक्सर दादी-नानी कान में तेल डालने की सलाह देती हैं. भारतीय घरों में कान की छोटी-मोटी परेशानियों को सरसों के तेल से ठीक करने की कोशिश करना आम बात है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कान में तेल डालकर इन परेशानियों का उपचार नहीं किया जाता, बल्कि इससे कान में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.
अगर आप भी कान की समस्याओं से निजाद पाने के लिए कच्चे सरसों के तेल इस्तेमाल करते हैं तो ठहर जाइए. आज हम आपको उसके साइड इफेक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं...
डॉक्टरों की मानें तो कान में कच्चा तेल डालने से इंफेक्शन हो सकता है. तेल में कई तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जिससे कान में संक्रमण होने का खतरा बना रहता है. इसके अलावा तेल की वजह से कान में काफी दिनों तक नमी बनी रहती है, ऐसे में जब हम घर से बाहर निकलते हैं तो धूल और प्रदूषण के कणों से कान में गंदगी और मैल जमने लगता है जो कान की समस्या को ठीक करने की जगह और बढ़ा सकता है.
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- अक्सर लोग कान में खुजली या दर्द होने पर कच्चे सरसों का तेल कान में डाल लेते हैं. लेकिन ऐसा करना बेहद खतरनाक हो सकता है. ऐसा करने से कान का पर्दा फट भी सकता है और आप बहरे हो सकते हैं. इसलिए बेहतर यही होगा कि कान में परेशानी होने पर कान के डॉक्टर को दिखाएं खुद घर में तेल से उपचार न करें.
- कान में तेल डालने से ऑटोमाइकोसिस की बीमारी हो सकती है जिसके कारण परमानेंट हियरिंग डिसेबिलिटी की समस्या यानी कि आपको हमेशा के लिए सुनाई देना बंद हो सकता है.
- कान में मैल जमा होने पर कुछ लोग मैल को फूलने के लिए कान में सरसों का तेल डाल लेते हैं. लेकिन आपको बता दें कि इस तेल की वजह से कान में नमी रहती है और उसपर धूल-मिट्टी आसानी से जमा हो जाती है. इससे कान का मैल बाहर निकलने की बजाय अंदर ही जमा हो सकता है और कान में गांठ भी आ सकती है.
- कान में तेल डालने पर आपके कान के अंदर खुजली और दर्द की समस्या बढ़ सकती है. बच्चों के कान में तेल बिल्कुल भी न डालें.
(डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सामान्य ज्ञान पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है. कान में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर डॉक्टर्स या एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)