ज्यादा नींद आना और नींद बिल्कुल न आना. ये दोनों बातें आपके दिमाग को नुकसान पहुंचाती हैं. अगर आप अच्छी नींद नहीं लेते, तो इससे आपकी याददाश्त कमजोर हो सकती है. लंबे समय तक ऐसा रहने से आपकी सेहत को भारी नुकसान पहुंचता है और इसकी वजह से आपकी जान भी जा सकती है. मुंह ढक कर सोते हैं, तो इसके भी कई नुकसान हैं. इससे मस्तिष्क की कोशिकाओं का विकास रुक जाता है. इस तरह सोने से कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है और ऑक्सीजन का स्तर शरीर में कम होने लगता है. इसका असर दिमाग पर पड़ता है.
आपकी डाइट का सीधा असर मस्तिष्क पर पड़ता है. अगर आप शुगर का सेवन ज्यादा मात्रा में करते हैं, तो यह शरीर में पोषक तत्वों और प्रोटीन के अवशोषण में रुकावट बनता है. इसका असर दिमाग के काम करने की क्षमता पर भी पड़ता है. लंबे समय तक शुगर का अधिक मात्रा में सेवन मस्तिष्क के विकास को धीमा कर देता है.
छोटी-छोटी बातों पर ओवररिएक्ट करने की आदत भी आपको नुकसान पहुंचाती है. जब आप गुस्से में होते हैं, तब मस्तिष्क की रक्त धमनियां सख्त होने लगती हैं. इसकी वजह से दिमाग के काम करने की क्षमता पर असर पड़ता है.
ब्रेकफास्ट कभी स्किप न करें. यह आगे चलकर आपके मस्तिष्क के डिजनरेशन की वजह बन सकता है.
इसके अलावा भी कई कारण हैं, जिनका असर दिमाग पर पड़ता है. अगर आप बहुत ज्यादा बीमार हैं और इसके बावजूद मस्तिष्क से जुड़ा कोई मेहनत वाला काम कर रहे हैं, तो इससे मस्तिष्क की कार्य क्षमता पर असर पड़ता है.
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