बुखार, खांसी और सिरदर्द से रहें दूर, जानिए इस सर्दी फ्लू के वायरस से बचने का अचूक तरीका!
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बुखार, खांसी और सिरदर्द से रहें दूर, जानिए इस सर्दी फ्लू के वायरस से बचने का अचूक तरीका!

जैसे-जैसे सर्दी के महीने पास आ रहे हैं, लोगों से आगामी मौसम के दौरान फ्लू के प्रति सावधानी बरतने का आग्रह किया जा रहा है. फ्लू का मौसम आमतौर पर दिसंबर और फरवरी के बीच चरम पर होता है.

बुखार, खांसी और सिरदर्द से रहें दूर, जानिए इस सर्दी फ्लू के वायरस से बचने का अचूक तरीका!

जैसे-जैसे सर्दी के महीने पास आ रहे हैं, लोगों से आगामी मौसम के दौरान फ्लू के प्रति सावधानी बरतने का आग्रह किया जा रहा है. फ्लू का मौसम आमतौर पर दिसंबर और फरवरी के बीच चरम पर होता है, लेकिन वायरस इससे भी पहले फैल सकता है. पब्लिक हेल्थ अथॉरिटी शीघ्र टीकाकरण की सलाह दे रहे हैं तथा इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वार्षिक फ्लू टीका संक्रमण से बचाव तथा बीमारी की गंभीरता को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका है. 

इन्फ्लूएंजा को आमतौर पर फ्लू के नाम से जाना जाता है. यह इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाली एक श्वसन संबंधी बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलती है. ये वायरस मुख्य रूप से नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करते हैं. फ्लू के लक्षणों में आमतौर पर बुखार आना, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, खांसी, नाक बंद होना, नाक बहना, सिरदर्द और थकान शामिल हैं.

सामान्य सर्दी के विपरीत (जो अक्सर धीरे-धीरे बढ़ती है) फ्लू अचानक होता है और निमोनिया, ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है. यहां तक ​​कि यह विशेष रूप से अधिक खतरे वाले ग्रुप के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है, जिनमें छोटे बच्चे, 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं तथा अस्थमा, मधुमेह या हृदय रोग जैसी बीमारियों से पीड़ित लोग शामिल हैं.

इन्फ्लूएंजा मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैलता है. ये बूंदें आस-पास के लोगों के मुंह या नाक में जा सकती हैं, या वे ऐसी सतहों पर रह सकती हैं, जहां वायरस 48 घंटे तक जीवित रह सकता है. हाथ धोना, मास्क पहनना और लक्षण दिखने पर घर पर रहना जैसे निवारक उपाय वायरस के प्रसार को कम करने में मदद करते हैं.

फ्लू का टीका कैसे काम करता है
इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाव के लिए फ्लू के टीकों को हर साल अपडेट किया जाता है. फ्लू के टीके में निष्क्रिय या कमजोर इन्फ्लूएंजा वायरस होते हैं, जो फ्लू का कारण नहीं बनते, लेकिन इम्यून सिस्टम को एंटीबॉडी विकसित करने में मदद करते हैं. ये एंटीबॉडी बाहरी फ्लू वायरस के संपर्क में आने पर संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करते हैं. टीका लगवाने के बाद इम्यून सिस्टम विकसित होने में आम तौर पर दो सप्ताह का समय लगता है, यही कारण है कि पब्लिक हेल्थ अथॉरिटी ठंड में फ्लू के मामले बढ़ने से पहले टीका लगवाने की सलाह देते हैं.

क्या आप फ्लू और कोविड-19 के टीके एक साथ लगवा सकते हैं?
हेल्थ एक्सपर्ट ने पुष्टि की है कि फ्लू और कोविड-19 के टीके एक साथ लेना सुरक्षित है. ऐसा करने से दोनों बीमारियों से सुरक्षा मिल सकती है और किसी भी वायरस से गंभीर जटिलताओं की संभावना कम हो सकती है. एक साथ दोनों टीके लगवाना यह सुनिश्चित करने का एक सुविधाजनक तरीका है कि आप पूरे मौसम के दौरान सुरक्षित रहें.

फ्लू टीके के लाभ
फ्लू टीकाकरण का एक प्रमुख लाभ यह है कि यह फ्लू के कारण गंभीर रूप से बीमार होने, अस्पताल में भर्ती होने और मौत के खतरे को काफी हद तक कम करता है. हालांकि, फ्लू के टीके संक्रमण को रोकने में 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं हैं, लेकिन वे बीमारी की गंभीरता को काफी हद तक कम कर देते हैं और समुदाय में वायरस के प्रसार को कम करने में मददगार साबित होते हैं. इसके अलावा, व्यापक फ्लू टीकाकरण से हेल्थ केयर सिस्टम को मरीजों के ज्यादा दबाव से बचाने में मदद मिलती है.

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