कुड्डालोर : कोस्टल एरिया होने के नाते मछुआरे और दलित निर्णायक भूमिका में
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कुड्डालोर : कोस्टल एरिया होने के नाते मछुआरे और दलित निर्णायक भूमिका में

Lok Sabha elections 2019 : इस लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में AIADMK के A. Arunmozhithevan की जीत हुई थी.

NDA की तरफ से PMK  ने आर गोविंदास्वामी को मैदान में उतारा है.

नई दिल्ली: कुड्डालोर सीट का गठन 1952 में हुआ था. इस लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में AIADMK के A. Arunmozhithevan की जीत हुई थी. शुरुआत में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था. कांग्रेस 1971 से 1996 तक लगातार चुनाव जीतती रही. 1998 में पहली बार AIADMK की इस सीट पर जीत हुई. 1999 से 2009 तक DMK प्रत्याशी की जीत हुई. 2009 में कांग्रेस और 2014 में AIADMK की जीत हुई. इस लोकसभा चुनाव के लिए DMK ने TRVS रमेश को, और NDA की तरफ से PMK  ने आर गोविंदास्वामी को मैदान में उतारा है. बसपा ने सी जयप्रकाश को टिकट दिया है. इस सीट पर वनियार और दलित समुदाय का दबदबा है. मुस्लिमों की भी ठीक-ठाक आबादी है. कोस्टल एरिया होने की वजह से मछुआरे भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जहां नेशनल पार्टियों की नहीं, बल्कि क्षेत्रीय दलों का दबदबा रहा है. DMK और AIADMK यहां की दो प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियां हैं. इस चुनाव में कांग्रेस DMK के साथ और BJP, AIADMK और PMK साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. कांग्रेस 9 सीटों पर और बीजेपी 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. दोनों की सहयोगी पार्टियां DMK और AIADMK भी केवल 20-20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बाकी सीटों पर अन्य छोटी क्षेत्रीय पार्टियां चुनाव लड़ रही हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में 39 सीटों में 37 सीटों पर तो केवल AIADMK की जीत हुई थी. एक सीट पर बीजेपी और एक सीट पर PMK की जीत हुई थी. दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ी थी. DMK का खाता भी नहीं खुल पाया था.

डिंडीगुल: तमिलनाडु की इस सीट पर थेवर कम्युनिटी का वर्चस्व रहा है

2014 के आंकड़ों के मुताबिक, इस सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 1247908 है. पुरुष मतदाताओं की संख्या 625652 और महिला मतदाताओं की संख्या 622256 है. जिले की आबादी 2605914 है. यह भारत के सबसे पिछले 250 जिलों में से एक है.

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