पिछले साल वैज्ञानिकों ने यहां के तेर इलाके में 2000 साल पुरानी खिचड़ी के अवशेष खोजे थे. वहीं राजनीति की बात करें तो यहां एनसीपी और शिवसेना के बीच चुनावी जंग के आसार हैं.
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नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2019 (lok sabha elections 2019) के दूसरे चरण के लिए महाराष्ट्र की 10 लोकसभा सीटों पर 18 अप्रैल को मतदान होना है. इन 10 सीटों में से उस्मानाबाद लोकसभा सीट बेहद खास है. पिछले साल वैज्ञानिकों ने यहां के तेर इलाके में 2000 साल पुरानी खिचड़ी के अवशेष खोजे थे. वहीं राजनीति की बात करें तो यहां एनसीपी और शिवसेना के बीच चुनावी जंग के आसार हैं.
6 विधानसभा सीट हैं यहां
महाराष्ट्र की उस्मानाबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें औसा, उमर्गा, तुलजापुर, उस्मानाबाद, परांदा और बर्शी शामिल हैं. इस सीट पर 1952 से लेकर 1996 तक कांग्रेस का कब्जा रहा है. 1996 में यहां शिवसेना आई. 1998 में कांग्रेस फिर लौटी. 1999 और 2004 में यह सीट शिवसेना के पास गई. 2009 में एनसीपी के पास गई और 2014 में वापस यह सीट शिवसेना के पास गई.
यह उम्मीदवार हैं मैदान में
उस्मानाबाद लोकसभा सीट पर शिवसेना ने ओमरोज निंबालकर को मैदान में उतारा है. एनसीपी ने रणजगीत सिंह पद्मसिंह पाटिल को टिकट दिया है. बसपा ने शिवाजी पंढरीनाथ ओमान और वंचित बहुजन आघाडी ने अर्जुन को चुनावी मैदान में उतारा है. बता दें कि 2014 में शिवसेना के रविंद्र गायकवाड़ ने यहां से जीत दर्ज की थी.
2000 साल पुरानी खिचड़ी
पुरातत्वविदों को 2018 में महाराष्ट्र उस्मानाबाद में एक साथ पके हुए चावल और मूंग दाल मिले थे. इसे पहली शताब्दी का बताया जा रहा था. इससे संकेत मिलता है कि खिचड़ी 2000 साल पहले हमारी थाली का हिस्सा बन चुकी थी. ये अवशेष उस्मानाबाद जिले के तेर इलाके से मिले थे. ये क्षेत्र प्राचीन भारत का एक प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र था, और यहां प्रमुख रूप से रोम के साथ व्यापार होता था.