फारूक अब्दुल्ला का विवादित बयान, PM नरेंद्र मोदी की तुलना फिल्मी होरी से की
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फारूक अब्दुल्ला का विवादित बयान, PM नरेंद्र मोदी की तुलना फिल्मी होरी से की

अब्दुल्ला ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार सभी मोर्चे पर नाकाम रही है और अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद की स्थिति को ‘भुनाना’ चाहती है.

लोकसभा चुनाव 2019 (Loksabha election 2019) : नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी की है. तस्वीर साभार: PTI फाइल

श्रीनगर: लोकसभा चुनाव 2019 (Loksabha election 2019) के प्रचार में नेता एक दूसरे पर जुबानी हमले करने में शब्दों की मर्यादा लगातार लांघ रहे हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बीजेपी पर निशाना साधने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पद की गरीमा का भी ख्याल नहीं रख पाए. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना फिल्मी एक्टर से कर दी. फारूक ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अच्छे ‘अभिनेता’ हैं और ‘अभिनय’ के मामले में उन्होंने कई स्थापित अभिनेताओं को पीछे छोड़ दिया है. 

फारूक ने BJP पर पुलवामा हमले को भुनाने का आरोप लगाया
अब्दुल्ला ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार सभी मोर्चे पर नाकाम रही है और अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद की स्थिति को ‘भुनाना’ चाहती है.

उन्होंने कहा, ‘मौजूदा सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है. हालांकि, उन्होंने पुलवामा हमले के पीछे छुपकर बचने का रास्ता देख लिया है. छत्तीसगढ़ में जब सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए तो मोदी वहां नहीं गए. छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के जवानों की कुर्बानी उन्हें (मोदी को) प्रभावित नहीं करती. वह बेफिक्र रहते हैं.’

अब्दुल्ला ने गंदेरबल में एक रैली में आरोप लगाया कि (पुलवामा हमले के)सीआरपीएफ के शहीद जवानों के शव दिल्ली लाए गए तो मोदी शूटिंग में मसरूफ थे. 
उन्होंने कहा, ‘मैंने ऐसा अभिनेता नहीं देखा है. अभिनय कला में मोदी ने दिलीप कुमार, राज कपूर और शाहरूख खान जैसे अभिनेताओं को पीछे छोड़ दिया है.’ 

उमर ने भी कश्मीर को लेकर किया विवादित कमेंट
फारूक के बेटे और नेशनल कान्फ्रेंस उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को अपने उस बयान का बचाव किया जिसमें उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर के विलय की शर्तों को बहाल करने के लिए कड़ा संघर्ष करेगी जिसमें राज्य में ‘सद्र-ए-रियासत’ और ‘वजीर-ए-आजम’ होने का प्रावधान शामिल है.

उमर ने उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले के पट्टन में संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है. मैंने वही दोहराया है जो एक वास्तविकता है. क्या यह सच नहीं है कि जम्मू कश्मीर जिस दिन देश का हिस्सा बना उसका अपना सद्र-ए-रियासत (राष्ट्रपति) और वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) था और 1965 तक था.’

उन्होंने कहा कि यह तब भी उनकी पार्टी का रुख था जब वह केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में एक मंत्री थे.

उन्होंने कहा, ‘यह कुछ नयी चीज नहीं है जो कि नेशनल कान्फ्रेंस कह रही है. जब मैं वाजपेयी के नेतृत्व में राजग सरकार में एक मंत्री था तब भी यह हमारे घोषणापत्र में था, तब भी हम आंतरिक स्वायत्तता और 1953 से पहले की स्थिति की बात कर रहे थे. क्या यह चीजें उस समय कहना सही था, तब मैं अब गलत कैसे हो गया?’

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर ने कहा कि उनकी पार्टी विलय की शर्तों की बहाली चाहती है जिसमें आंतरिक स्वायत्तता की बहाली शामिल है जिसके आधार पर जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा बना था.

उन्होंने कहा, ‘हमारा रुख अब भी वही है, जो उस समय था. हम राज्य की आंतरिक स्वायत्तता की बहाली और 1953 से पहले की शर्तों की बहाली चाहते हैं जिसके आधार पर यह राज्य इस देश का हिस्सा बना था.’

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