'मुझे कुर्सी की जरूरत नहीं, लेकिन कुर्सी को मेरी जरूरत है': ममता बनर्जी
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'मुझे कुर्सी की जरूरत नहीं, लेकिन कुर्सी को मेरी जरूरत है': ममता बनर्जी

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में पश्चिम बंगाल में बीजेपी के दमदार प्रदर्शन और राज्‍य की सत्‍ताधारी तृणमूल कांग्रेस के अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन के बाद पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की शनिवार को पेशकश की लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने इसे खारिज कर दिया.

'मुझे कुर्सी की जरूरत नहीं, लेकिन कुर्सी को मेरी जरूरत है': ममता बनर्जी

कोलकाता: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में पश्चिम बंगाल में बीजेपी के दमदार प्रदर्शन और राज्‍य की सत्‍ताधारी तृणमूल कांग्रेस के अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन के बाद पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की शनिवार को पेशकश की लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने इसे खारिज कर दिया. ममता बनर्जी ने पार्टी के सभी उम्मीदवारों और वरिष्ठ नेताओं के साथ घंटे भर चली बैठक के बाद कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहती थी. कुर्सी मेरे लिए कुछ नहीं. यद्यपि पार्टी ने उसे खारिज कर दिया. मुझे कुर्सी की जरूरत नहीं लेकिन कुर्सी को मेरी जरूरत है.’’ उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने लोगों से किये गए सभी वादे पूरे किये हैं. उन्होंने कहा कि वह अब अपनी पार्टी पर अधिक ध्यान देंगी.

  1. ममता बनर्जी की मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश
  2. तृणमूल कांग्रेस ने इस पेशकश को खारिज किया
  3. TMC ने 22 सीटें जीती हैं, पिछली बार 34 सीटें जीती थीं

भाजपा पर लगाए आरोप
ममता बनर्जी ने चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद पहला संवाददाता सम्मेलन संबोधित करते हुए भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने पश्चिम बंगाल में वोट प्राप्त करने के लिए लोगों का धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण किया. पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 18 पर जीत दर्ज करके तृणमूल कांग्रेस को एक झटका दिया है. तृणमूल कांग्रेस ने 22 सीटें जीती हैं जो कि 2014 में जीती गई 34 सीटों से कम है.

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उन्होंने कहा, ‘‘जिस पार्टी ने कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई वह सीटें जीत गई. मेरा मानना है कि मैंने लोगों के लिए अधिक किया है. अब मुझे अपनी पार्टी के लिए काम करने की जरूरत है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘धनबल और धार्मिक विभाजन ने बड़ा खेल खेला. प्रशासन को पिछले पांच महीनों से भारत के चुनाव आयोग ने अपने हाथ में ले लिया था. मैं ऐसे में मुख्यमंत्री कैसे रह सकती हूं? इसीलिए मैंने पद छोड़ने की पेशकश की.’’

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पिछली बार भाजपा को दो सीटे मिलीं
उल्लेखनीय है कि भाजपा, बंगाल में तृणमूल के लिए चुनौती देने वाली मुख्य पार्टी के तौर पर उभरी है. पिछले आम चुनाव में भाजपा को बंगाल में लोकसभा की दो सीटें मिली थीं. ममता ने भाजपा के शानदार प्रदर्शन पर संदेह उत्पन्न किया. उन्होंने दावा किया, ‘‘यह बड़ी जीत संदेह से परे नहीं है. यह काफी आश्चर्यजनक है कि कैसे विपक्ष का कई राज्यों में पूरी तरह से सफाया हो गया.’’ उन्होंने दावा किया कि ईवीएम को इस तरह से प्रोग्राम किया गया था कि भाजपा को एक लाख से अधिक वोट की बढ़त मिले.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हो सकता है कि इसमें विदेशी हाथ हो. करोड़ों रुपये खर्च करके वोट खरीदे गए. उत्तर बंगाल में हम असम से सीमा साझा करते हैं. राज्य के वित्त मंत्री (हेमंत विश्व सरमा) यहां दो सप्ताह से बैठे हुए थे. वह यहां क्या कर रहे थे? सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) मतदाताओं को ले गई और उनके लिए वोट करने के लिए बाध्य किया. चुनाव आयोग, चुनाव के मैच का ‘मैन आफ द मैच’ है.’’ उन्होंने दोहराया कि भारत के चुनाव आयोग का रवैया ‘‘पक्षपातपूर्ण’’ था.

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने यह भी कहा कि भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए राज्य में आपातकाल जैसी स्थिति बनाई. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर हमला करते हुए कहा, ‘‘राजीव गांधी को 400 सीटें मिली थीं. क्या वे संसद चला पाये? इसलिए ऐसा अहंकार ठीक नहीं है. विपक्षी नेताओं ने जब सवाल उठाये तो उन्हें पाकिस्तानी कहा गया. ’’ उन्होंने कहा कि वे सांप्रदायिकता के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगी.

(इनपुट: एजेंसी भाषा)

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