मध्य प्रदेश के राजगढ़ में बीएल सेन नाम का कांग्रेस कार्यकर्ता ने पार्टी की हार पर अपना सिर मुंडवा लिया.
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भोपालः लोकसभा चुनाव में बीजेपी की प्रंचड जीत का जश्न जहां पूरे देश में पार्टी कार्यकर्ता मना रहे हैं वहीं कांग्रेस के कुछ ऐसे भी समर्थक हैं जो पार्टी की हार पर सिर मुंडवा रहे हैं. कांग्रेस शासित राज्य मध्य प्रदेश के राजगढ़ से कुछ ऐसी तस्वीर सामने आई. मध्यप्रदेश की कुल 29 सीटों में से 28 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. जबकि एक सीट कांग्रेस के खाते में गई. राजगढ़ में कांग्रेस और बीजेपी के समर्थकों के बीच नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के पीएम बनने को लेकर शर्त लगी थी. इस शर्त के मुताबिक दोनों में से जो नेता पीएम नहीं बनेगा उसके समर्थक को अपना सिर मुंडवाना पड़ेगा.
राज्य के राजगढ़ में बीएल सेन नाम का कांग्रेस कार्यकर्ता ने पार्टी की हार पर अपना सिर मुंडवा लिया, उन्होंने कहा, 'हमारी शर्त लगी थी, कि अगर मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे तो मैं अपना सिर मुंडवा लूंगा और अगर राहुल गांधी पीएम बनेंगे तो ये (बीजेपी कार्यकर्ता) अपना सिर मुंडवा लेंगे. अब क्योंकि मेरी पार्टी हार गई है मैं अपना सिर मुंडवा रहा हूं.'
MP: A Congress worker, BL Sen shaved his head after losing a bet to a BJP worker in Rajgarh. He says, "We had a bet that if Modi becomes PM, I'll shave my head & if Rahul Gandhi becomes PM, he (BJP worker) will shave his head. Now that my party has lost, I shaved my head." pic.twitter.com/CNGSr9wiLp
— ANI (@ANI) May 25, 2019
लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत, 28 सीटों पर रही विजयी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुनामी एवं करिश्माई नेतृत्व के चलते भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की कुल 29 सीटों में से 28 सीट पर कब्जा कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस केवल एक सीट छिन्दवाड़ा पर ही सिकुड़ गई है. यह प्रदेश में बीजेपी का अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन है. इससे पहले बीजेपी ने मोदी की लहर के चलते वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की 29 में से 27 सीटों पर कब्जा किया था. तब कांग्रेस को दो सीटें छिन्दवाड़ा एवं गुना मिली थी. लेकिन इस बार बीजेपी ने गुना सीट को कांग्रेस से छीन ली है.
गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं चार बार लगातार सांसद रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे बीजेपी के कृष्ण पाल यादव ने 1,25,549 मतों के अंतर से हरा कर उनसे यह सीट छीन ली है.करीब चार दशक पहले देश में लगे आपातकाल के बाद वर्ष 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में अविभाजित मध्य प्रदेश (मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़) में तत्कालीन भारतीय जनसंघ को कुल 40 सीटों में से 39 सीटें मिली थी, जबकि तब भी कांग्रेस केवल एक सीट छिन्दवाड़ा को ही अपनी झोली में डालने में कामयाब रही थी.
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनसंघ के खत्म होने के बाद ही वर्ष 1980 में बीजेपी पैदा हुई है. भारतीय जनसंघ एवं बीजेपी दोनों ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के राजनीतिक विंग हैं. वर्ष 2001 में मध्य प्रदेश के दो भाग कर मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ दो राज्य बनाये गये. अविभाजित मध्य प्रदेश की 40 लोकसभा सीटों में से 11 सीटें छत्तीसगढ़ में चली गई और 29 सीटें मध्य प्रदेश में रह गई.
बीजेपी के केवल दो प्रत्याशी ही 90,000 एवं एक लाख के मतों के अंतर से जीते. बाकी सभी बीजेपी प्रत्याशी एक लाख से पांच लाख के बड़े अंतर से विजयी रहे. अधिकांश सीटों पर बीजेपी की जीत का अंतर पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले काफी बढा है.वहीं, छिन्दवाड़ा लोकसभा सीट से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ (कांग्रेस) ने बीजेपी के नथन शाह को मात्र 37,536 मतों के अंतर से हराया. यह मध्य प्रदेश में इस बार हार का सबसे कम अंतर है.
बीजेपी ने अपने मौजूदा 26 सांसदों में से 13 सांसदों को टिकट दिया था. इनमें से सभी ने जीत दर्ज की है. वहीं, कांग्रेस ने अपने तीन मौजूदा सांसदों में से केवल दो सांसदों ज्योतिरादित्य सिंधिया (गुना) एवं कातिलाल भूरिया (रतलाम) को मैदान में उतारा था, लेकिन ये दोनों सांसद अपनी सीट बचाने में कामयाब नहीं रहे.
बीजेपी ने चार महिलाओं प्रज्ञा सिंह ठाकुर (भोपाल), संध्या राय (भिण्ड), हिमाद्रि सिंह (शहडोल) एवं रीति पाठक (सीधी) को मध्य प्रदेश में टिकट दी थी. चारों अपनी-अपनी सीटें जीतने में कामयाब रहीं. इसके विपरीत कांग्रेस ने पांच महिलाओं को टिकट दिया था, जिनमें से सभी हार गई.
(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)