उत्‍तराखंड में करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस में उथल-पुथल का दौर शुरू, इस्‍तीफे की पेशकश
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उत्‍तराखंड में करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस में उथल-पुथल का दौर शुरू, इस्‍तीफे की पेशकश

नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा संसद क्षेत्र अंतर्गत काशीपुर विधानसभा में चुनाव में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा प्रत्याशी को मिले दोगुने मतों ने काशीपुर कांग्रेस संगठन के क्रियाकलापों पर सीधा सवाल खड़ा कर दिया है.

हरीश रावत और प्रीतम सिंह को इस बार के आम चुनावों में क्रमश: नैनीताल और टिहरी लोकसभा सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा.

देहरादून: उत्तराखंड की सबसे हॉट सीट में शुमार नैनीताल ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की करारी हार के बाद पूरे जिले भर में उथल पुथल का दौर और घमासान जारी है. नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा संसद क्षेत्र अंतर्गत काशीपुर विधानसभा में चुनाव में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा प्रत्याशी को मिले दोगुने मतों ने काशीपुर कांग्रेस संगठन के क्रियाकलापों पर सीधा सवाल खड़ा कर दिया है.

यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस हारी है. इससे पहले निकाय और विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को सफलता हासिल नहीं हो सकी है. इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की हुई करारी हार की जिम्मेदारी देते हुए महानगर कांग्रेस अध्यक्ष संदीप सहगल ने अपना इस्तीफा देने की पेशकश प्रदेश हाईकमान से कर दी है. 

देश में अपनी अलग पहचान रखने वाली नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व प्रत्याशी अजय भट्ट ने कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को जिस तरह से शिकस्त दी है. उससे राजनीतिक विश्लेषक सोचने को मजबूर हो गए हैं. काशीपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत 30,491 मतों से पिछड़ना भी यह जता रहा है कि काशीपुर में अब मतदाताओं को कांग्रेस पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं रह गया है.

 

काशीपुर महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल को हटाए जाने के लिए तब 23 मई के बाद स्थानीय कांग्रेसियों ने हाल ही में उनके नेतृत्व में हुए चुनावों में काशीपुर में कांग्रेस प्रत्याशियों की जो दुर्गति हुई है उसने विरोधियों को उनके खिलाफ खड़े होने का मौका दे दिया है. भले ही पूरे उत्तराखंड में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है परंतु नैनीताल लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत की रुद्रपुर व काशीपुर में हुई करारी हार में कांग्रेसियों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या मोदी मैजिक के साथ साथ इन दोनों जगहों की जनता का कांग्रेस पर से विश्वास पूरी तरह से उठ गया है.

इस करारी हार के बाद जहां कांग्रेस महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के समक्ष इस्तीफे की पेशकश की बात की तो वही संदीप सहगल ने उत्तराखंड में भाजपा के नवनिर्वाचित पांचों सांसदों को शुभकामना देते हुए विकास की बात करते हुए कहा कि क्योंकि देश और प्रदेश में दोनों जगह भाजपा की सरकार है इसीलिए पांचों सांसदों से विकास की उम्मीद की जा सकती है. काशीपुर के महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल ने स्वीकार किया कि प्रदेश में लोकसभा चुनाव पहले दौर में आयोजित किया गया था.

ऐसे में कांग्रेस पार्टी में नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी की घोषणा करने में देर कर दी जिससे प्रचार का पर्याप्त मौका नहीं मिल पाया. यह भी कांग्रेस की हार का बड़ा कारण रहा. इस्तीफे के सवाल पर उन्होंने गेंद प्रदेश अध्यक्ष के पाले में डालते हुए कहा कि अगर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को महसूस होता है कि महानगर कांग्रेस की कमान किसी और के हाथ में देने से कांग्रेस पार्टी मजबूत होगी तो वह अपना इस्तीफा देने को भी तैयार है और पार्टी में बतौर सदस्य बने रहने को तैयार हैं. चुनाव में जीत के बाद भाजपा नेता और पूर्व सांसद भगत सिंह कोश्यारी के द्वारा हरीश रावत पर कटाक्ष के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह उनका ओछापन है. उन्होंने देश तथा प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के लिए मोदी लहर की बात को भी स्वीकार किया.

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