तेजस्वी ने बुधवार को चुनाव प्रचार से लौटने के बाद पटना में कहा कि इन लोगों को देश की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, महंगाई, किसान, देश की अर्थव्यवस्था से कोई मतलब नहीं है.
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पटना : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें उन्होंने हरे रंग के इस्लामिक झंडे पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी. तेजस्वी ने कहा कि देश के राष्ट्रध्वज में भी हरा रंग है.
तेजस्वी ने बुधवार को चुनाव प्रचार से लौटने के बाद पटना में कहा कि इन लोगों को देश की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, महंगाई, किसान, देश की अर्थव्यवस्था से कोई मतलब नहीं है.
उन्होंने गिरिराज पर निशाना साधते हुए कहा, "वह पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए क्या कहते थे. उन्हें आज नीतीश कुमार की जरूरत क्यों पड़ गई? आगे उन्हें यह बताना चाहिए." अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले गिरिराज को भाजपा ने बेगूसराय से प्रत्याशी बनाया है. उनका मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) उम्मीदवार तनवीह हसन और सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार से है.
तनवीर साहब, अगर ज़हरीला आदमी विषगमन नहीं करेगा तो क्या करेगा? आज हमारे समाज में काले नागों की बहुतायत हो गई है। ऐसे नाग क्षेत्रवाद, भाषावाद, धर्मवाद और संप्रदायवाद का समाज में विषगमन करके देश की एकता और अखंडता को खंडित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हम बिहारी ऐसा नहीं होने देंगे https://t.co/bOH4jNM4Ce
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 24, 2019
तेजस्वी यादव ने कहा, "कोई भी अपना विचार देश पर थोप नहीं सकता. अगर ऐसा ही है तो मुझे गिरिराज सिंह का नाम पसंद नहीं है, नाम बदल देना चाहिए."
तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर भी बेगूसराय से राजद प्रत्याशी तनवीर हसन के एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, "अगर जहरीला आदमी विषगमन नहीं करेगा तो क्या करेगा? आज हमारे समाज में काले नागों की बहुतायत हो गई है. ऐसे नाग क्षेत्रवाद, भाषावाद, धर्मवाद और संप्रदायवाद का समाज में विषगमन करके देश की एकता और अखंडता को खंडित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम बिहारी ऐसा नहीं होने देंगे."
गिरिराज सिंह ने चुनाव आयोग से हरे रंग के झंडे को प्रतिबंधित करने की मांग की है. सिंह का कहना है कि हरे रंग के झंडे को मुसलमानों से जुड़े राजनीतिक और धार्मिक संगठनों से जोड़ कर देखा जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे झंडे समाज में घृणा फैलाते हैं और पाकिस्तान में होने की धारणा बनाते हैं.