मई 2018 में हुए विधानसभा चुनावों से पहले सिद्धारमैया ने कहा था कि इस बात की पूरी संभावना है कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा.
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बेंगलुरु: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने उन्हें कर्नाटक का मुख्यमंत्री फिर से बनाने की पार्टी में उठ रही मांगों को मंगलवार को ‘समर्थकों के स्नेह’ की अभिव्यक्ति करार दिया. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह अब भी अपने इस वचन पर कायम हैं कि वह अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. कांग्रेस विधायक दल के नेता ने कहा कि उन्हें अपने समर्थकों की ओर से की जा रही मांग में कुछ भी गलत नहीं दिखता.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,‘मैंने बेहद साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री का पद अभी खाली नहीं है (लिहाजा मेरे मुख्यमंत्री बनने का सवाल ही नहीं है). हमारे लोग कह रहे हैं कि अगले चुनावों के बाद मुझे फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहिए.’
हुब्बली में कांग्रेस नेता ने कहा,‘क्या ऐसी कोई चीज है कि यदि लोग अपना आशीर्वाद दें तो मुझे (मुख्यमंत्री) नहीं बनना चाहिए? यह कहां है कि यदि लोग हमारी पार्टी को आशीर्वाद दें तो मुझे नहीं बनना चाहिए?’
उन्होंने कहा,‘क्या उन्होंने (समर्थकों ने) कहा है कि मुझे अभी बनना चाहिए? वे कह रहे हैं कि साल 2023 के चुनावों में यदि लोग कांग्रेस को आशीर्वाद देते हैं तो सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बन सकते हैं. इसमें गलत क्या है?’ बहरहाल, सिद्धारमैया ने कहा कि वह अपने इस वचन पर कायम हैं कि वह अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे.
उन्होंने कहा,‘मैंने कहा है कि मैं अगला चुनाव नहीं लड़ूंगा, लेकिन क्या कुछ ऐसा है कि उन्हें (समर्थकों को) भी वही कहना चाहिए जो मैंने कहा है...वे अपनी राय जाहिर कर रहे हैं.’ सिद्धारमैया ने कहा,‘मैंने अपनी राय जाहिर कर दी है कि मैं अगला चुनाव नहीं लड़ूंगा, मैं आज भी इस पर कायम हूं.’
मई 2018 में हुए विधानसभा चुनावों से पहले सिद्धारमैया ने कहा था कि इस बात की पूरी संभावना है कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा. इससे पहले, 2013 के विधानसभा चुनावों के दौरान भी सिद्धारमैया ने कहा था कि यह उनका आखिरी चुनाव है. इस चुनाव में जीतने के बाद वह मुख्यमंत्री बने थे.
पिछले कई दिनों से कांग्रेस के कई विधायक चाहते हैं कि सिद्धारमैया एक बार फिर मुख्यमंत्री बनें. इससे कर्नाटक की गठबंधन सरकार में शामिल जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के नेताओं और मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की भौहें तन गई हैं.