MP: डॉक्टर ने कहा, 1 करोड़ का वेंटिलेटर खरीद कर लाओ, इलाज न मिलने से बच्ची की मौत
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MP: डॉक्टर ने कहा, 1 करोड़ का वेंटिलेटर खरीद कर लाओ, इलाज न मिलने से बच्ची की मौत

आक्रोशित परिजनों ने ‌दोषी डॉक्टर और जिम्मेदार मेडिकल प्रशासन पर बच्ची की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ करवाई की मांग की है. 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

अतुल अग्रवाल/सागरः मध्य प्रदेश के सागर संभाग का सबसे बड़ा बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसरल, यहां अपनी डेढ़ साल की बच्ची का इलाज कराने आए परिजनों के सामने शिशु विभाग में ड्यूटी कर रही डॉक्टर ज्योति ने ऐसी मांग रख दी, जिसे सुनकर परिवार वालों के होश उड़ गए. डॉक्टर ज्योति राउत ने बच्ची के इलाज करने की रिक्वेस्ट करने पर परिजनों से कहा कि 'पहले एक करोड़ का वेंटिलेटर मशीन खरीद कर लेकर आइए तभी बच्ची का इलाज होगा.' डॉक्टर का ऐसा रवैया देख बच्ची के परिजन काफी परेशान हो गए और डॉक्टर की लापरवाही के चलते कुछ ही देर में मासूम की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

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परिवार का आरोप है कि अस्पताल प्रंबधन के पास इलाज के पर्याप्त संसाधन नहीं थे, लेकिन वह बच्ची का इलाज कर सकते थे. डॉक्टर की वजह से बच्ची की मौत हो गई. आक्रोशित परिजनों ने ‌दोषी डॉक्टर और जिम्मेदार मेडिकल प्रशासन पर बच्ची की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ करवाई की मांग की है. वहीं अपनी मांग लेकर बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज प्रशासनिक भवन के बाहर मृतक बच्ची का शव रखकर अपना आक्रोश जाहिर किया है.

बता दें शुक्रवार को कर्रापुर के देवेन्द अहिरवार की बेटी खेलते खेलते गर्म पानी की चपेट मे आ गई थी, जिससे वह बुरी तरह झुलझ गई थी. जिसके बाद बच्ची के परिजनों ने उसे बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर मे इलाज के लिए भर्ती किया. परिजनो ने इस मामले में डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं उनका कहना है कि बच्ची की स्थिति को देखते हुए अस्पताल मे मौजूद डाक्टरों ने उसे निजी अस्पताल में ले जाने का जोर दिया. पर परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने पर हम लोगों ने उसका ईलाज वहीं करने को कहा. डॉक्टर्स ने अंशिका को भर्ती तो कर लिया, लेकिन कई घंटों तक इलाज शुरू नहीं किया.

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जब परिजनों ने डॉक्टर से इलाज शुरू करने के लिए पर जोर डालने की कोशिश की तो डॉक्टर ने कहा कि पहले जाकर 1 करोड़ का वेंटीलेटर खरीद कर लाओ, इसके बाद ही इलाज शुरू हो पाएगा. परिजनों की मानें तो इस बीच बच्ची की तबियत और खराब हो गई और उसने दम तोड़ दिया‌. म्रतिका के चाचा के मुताबिक उसने इस मामले में प्रशासन से लेकर शासन तक गुहार लगाई पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जिसके चलते एक मासूम की जान सिस्टम की भेंट चढ़ गई. पीड़ित परिवार ने इस मामले मे हुई लापरवाही की लिखित मे गोपालगंज थाने मे शिकायत भी‌ दर्ज कराई है.

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