भोपाल से दिग्विजय सिंह के सामने BJP से कौन होगा प्रत्याशी, उमा भारती ने सुझाए 7 नाम
Advertisement
trendingNow1516435

भोपाल से दिग्विजय सिंह के सामने BJP से कौन होगा प्रत्याशी, उमा भारती ने सुझाए 7 नाम

केंद्रीय मंत्री उमा भारती का मानना है कि उन्होंने जो नाम सुझाए हैं, अगर उन में से कोई भी BJP नेता भोपाल लोकसभा सीट से खड़ा होता है तो वह दिग्विजय सिंह को हरा ही देगा.

उमा भारती (फाइल फोटो)

भोपालः दिग्विजय सिंह के सामने भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा का प्रत्याशी कौन होगा? यह सवाल अब भी बना हुआ है. बता दें मध्य प्रदेस की पांच सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी का नाम घोषित होना अब भी बाकि है, जिसमें भोपाल लोकसभा सीट भी शामिल है. ऐसे में केंद्रीय मंत्री और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती ने ट्वीट करके सियासत गरमा दी है. दरअसल, अपने ट्वीट में उमा भारती ने भोपाल लोकसभा सीट के लिए सात ऐसे नाम सुझाए हैं, जो इस सीट के लिए उपयुक्त हैं. केंद्रीय मंत्री का मानना है कि उन्होंने जो नाम सुझाए हैं, अगर उन में से कोई भी BJP नेता भोपाल लोकसभा सीट से खड़ा होता है तो वह दिग्विजय सिंह को हरा ही देगा.

अपने ही मंत्री पर बरस पड़े मध्‍यप्रदेश के सीएम कमलनाथ, 'तुम ही बोल दो, मैं चला'

बता दें उमा भारती ने अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि 'भोपाल से उम्मीदवार तय करने का अधिकार मेरे पास नहीं है. उस पर निर्णय संसदीय दल करता है. किंतु, एक बात तो ध्यान में रखनी पड़ेगी कि दिग्विजय सिंह जी को हराना बिल्कुल भी कठिन काम नहीं है. अब मैं आपको अतीत की याद दिलाती हूं. BJP के डॉ लक्ष्मीनारायण पांडे जी से मध्य प्रदेश के उस समय के मुख्यमंत्री कैलाश नाथ काट्जू विधानसभा का चुनाव हार गए थे, सुमित्रा महाजन जी से 1989 का लोकसभा का इंदौर का चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री पीसी सेठी हार गए थे. फिर सतना में कुश्वाहा जी से एवं होशंगाबाद में सरताज सिंह जी से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह जी चुनाव हार गए थे.'

'ताई' की सीट पर असमंजस बरकरार, कांग्रेस और बीजेपी अबतक घोषित नहीं कर पाई प्रत्याशी

उन्होंने आगे लिखा है कि 'भोपाल में तो आलोक संजर, कृष्णा गौर, रामेश्वर शर्मा, शैलेंद्र शर्मा, आलोक शर्मा, भगवान दास सबनानि, विश्वास सारंग  इनमें से कोई भी दिग्विजय सिंह को चुनाव हरा देगा. इस संबंध में मेरा योगदान तो 2003 में ही पूरा हो चुका. मैं दिग्विजय सिंह जी को 3/4 बहुमत से 2003 में ही शासन से बेदख्ल कर चुकी हूं. मेरा तो रोल ही पूरा हो चुका. हराने और जिताने में जनता और कार्यकर्ता का रोल होता है, नेताओं को घमंड नहीं पालना चाहिए. आप भोपाल की ताशीर को समझ लीजिए, भोपाल के लोग दिग्विजय जी को हराने के लिए बेताब हैं.'

Trending news