यूपी में लोकसभा की 80 सीटों में से 17 सीटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इन्हीं में से एक सीट है नगीना. वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद बिजनौर से अलग होकर यह सीट अस्तित्व में आई थी. इस सीट की खास बात ये है कि यहां के वोटर हर बार पार्टी और सांसद बदल देते हैं. पहली बार वर्ष 2009 में हुए चुनाव में इस सीट पर सपा ने जीत हासिल की थी और सपा के यशवीर सिंह पहले सांसद बने थे. हालांकि इसके बाद वर्ष 2014 में बीजेपी के यशवंत सिंह बाजी पलटते हुए चुनाव जीत लिया. जबकि वर्ष 2019 में बसपा के गिरीश चंद्र ने सभी को धता बताते हुए इलेक्शन जीता. इस सुरक्षित सीट की बात करें तो यहां अनुसूचित जाति के वोटर्स की बहुतायत है. वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव परिणाम के मुताबिक इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 15 लाख 84 हजार 111 थी. जिनमें से एससी वोटर्स की संख्या 3 लाख 45 हजार यानी करीब 21 प्रतिशत थी. नगीना सीट पर मुस्लिम वोटर्स भी बड़ी संख्या में है. ये दोनों समुदाय इस सुरक्षित सीट पर विनिंग फैक्टर माने जाते हैं. नगीना लोकसभा क्षेत्र में असेंबली की 5 सीटें आती हैं. इनके नाम नगीना, नजीबाबाद, नहटौर, धामपुर और नूरपुर हैं. वर्ष 2022 में हुए असेंबली चुनाव में बीजेपी ने यहां की 2 असेंबली सीटों पर कब्जा जमा लिया था. जबकि तीन सीटें समाजवादी पार्टी के पास गई थीं.
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