UPSC Topper: मां-पापा दोनों रह चुके IAS ऑफिसर, अब बेटी ने 47वीं रैंक हासिल कर आगे बढ़ाई परंपरा
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UPSC Topper: मां-पापा दोनों रह चुके IAS ऑफिसर, अब बेटी ने 47वीं रैंक हासिल कर आगे बढ़ाई परंपरा

Gauri Prabhat Success Story: हम बात कर रहे हैं गौरी प्रभात की, जिन्होंने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने के साथ ही ऑल इंडिया 47वीं रैंक हासिल की है. आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी... 

UPSC Topper: मां-पापा दोनों रह चुके IAS ऑफिसर, अब बेटी ने 47वीं रैंक हासिल कर आगे बढ़ाई परंपरा

UPSC Success Story Of Gauri Prabhat: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 933 कैंडिडेट्स को सफल घोषित किया गया है, जिसमें से 613 मेल और 320 फीमेल कैंडिडेट्स शामिल हैं. आज हम आपको इन्हीं में से एक ऐसी एस्पिरेंट की सफलता की कहानी बता रहे हैं, जिन्होंने अपने रिटायर्ट आईएएस पेरेंट्स के नक्शे-कदम पर चलते हुए इस परीक्षा में सफलता पाई है. 

आईएएस टॉपर गौरी प्रभात का जन्म कानपुर में हुआ था. इसके बाद उनकी स्कूलिंग दिल्ली के लोधी रोड स्थित सरदार पटेल स्कूल से हुई है. उन्होंने डीयू  के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकॉनोमिक्स ऑनर्स किया, जिसमें उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में टॉप किया था. उन्होंने एमए इकॉनोमिक्स ऑनर्स भी डीयू से ही कंप्लीट किया है. गौरी प्रभात ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने ग्रेजुएशन के दौरान ही सिविल सेवा में जाने का मन बना लिया था. 

पेरेंट्स रह चुके हैं आईएएस ऑफिसर
बता दें कि गौरी प्रभात के माता-पिता दोनों ही आईएएस ऑफिसर रह चुके हैं. उनके पिता प्रभात कुमार 1985 बैच के आईएएस ऑफिसर रहे हैं तो गौरी की मां हिमालनी कश्यप भी 1985 बैच की आईआरएस अधिकारी रही हैं, जो इनकम टैक्स विभाग में प्रिंसिपल डायरेक्टर जनरल के पद से रिटायर हुई हैं. जबकि,  उनके पिता एग्रीकल्चर प्रोडक्शन कमिश्नर के पद से रिटायर हुए हैं. वह भारत सरकार में कैबिनेट सेक्रेटरी भी रह चुके हैं. वहीं, गौरी के बड़े भाई शशांक कुमार जेनेवा में वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन में वकील हैं. 

मां-पिता से मिली IAS बनने की प्रेरणा
गौरी का कहना है कि उन्हें प्रेरणा उनके पेरेंट्स से मिली. घर में दो-दो आईएएस ऑफिसर होने से तैयारी के दौरान अच्छे से गाइडेंस मिला. आईएएस टॉपर गौरी ने बताया कि यह उनका तीसरा अटैम्प्ट था. पहले अटैम्प्ट में प्रीलिम्स और दूसरे प्रयास में इंटरव्यू क्लियर नहीं करने पर वह काफी निराश हो गई थीं, लेकिन वापस तैयारी शुरू की और सपोर्ट सिस्टम भी काफी मजबूत रहा, जिसके बाद अब  तीसरे प्रयास में 47वीं रैंक हासिल की. 

तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को दिया सक्सेस मंत्र
गौरी प्रभाव ने तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को सफलता का मंत्र देते हुए कहा, "कठिन परिश्रम और अनुशासन से ही सफलता मिलती है. यही इसका मूल मंत्र है. आत्मविश्वास और खुद पर भरोसा करना सबसे जरूरी है, क्योंकि बहुत लंबा एग्जाम होता है. इसमें उतार-चढ़ाव आते हैं. इसलिए इन चीजों को अच्छे से मैनेज करें."

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