Job Change: आपको कब बदल देनी चाहिए नौकरी, ये पांच संकेत फैसला लेने में बनेंगे मददगार
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Job Change: आपको कब बदल देनी चाहिए नौकरी, ये पांच संकेत फैसला लेने में बनेंगे मददगार

Job Switch: एक प्रोफेशनल नौकरी पेशा शख्स (Job Holder) होने के नाते आपको सही समय पर नौकरी यानी कंपनी (Company) बदल लेनी चाहिए. हालांकि ये डिसीजन लेना आसान नहीं होता. ऐसे में बताते हैं वो जरूरी प्वाइंट्स जिनका ध्यान रखते हुए नौकरी चेंज की जाए तो करियर में ग्रोथ की संभावना और मौके बढ़ जाते हैं.

सांकेतिक तस्वीर

Job Change: जमाना और देश कोई भी हो नौकरी मिलना आसान काम नहीं. खासकर ज्यादा आबादी वाले देशों में रोजगार की दिक्कत हमेशा से एक गंभीर समस्या बनी हुई है. आज भी हर कोई अच्छी नौकरी (Job) तलाशने के साथ ग्रोथ के अच्छे मौके ढ़ूढता है. वहीं बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जिनका फोकस हमेशा अपनी नौकरी बचाकर रखने में होता है. प्राइवेट सेक्टर (Private Sector) वाले अधिकतर कर्मचारी बेहतर सैलरी के पीछे भाग रहे होते हैं, जो कि उनके करियर (Career) के लिए कई बार मुश्किल खड़ा कर देता है. वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें अक्सर नई नौकरी (New Job) के मौके मिलते रहते हैं लेकिन वो जॉब चेंज (Job Change) का फैसला नहीं ले पाते. ऐसे में आइए बताते हैं कि आपको कब अपनी नौकरी यानी कंपनी बदल ही लेनी चाहिए.  

'ग्रोथ की संभावना न हो'

जागरूक नौकरीपेशा लोगों के मन में सवाल आता होगा कि कैसे पता चलेगा कि वो जिस कंपनी में हैं उसकी कितनी ग्रोथ है, और भविष्य में खुद की ग्रोथ का कितना चांस हैं. यह जानने के लिए आपको समझना होगा कि अगर आपकी जॉब लगातार घिसे-पिटे पुराने ढ़र्रे या लीक पर चल रही है यानी कंपनी आपको नए आईडिया पर काम नहीं करने दे रही तो इसे पहला संकेत मान सकते हैं कि आपको नौकरी बदलने का मन बना लेना चाहिए. वहीं ध्यान दें कि कंपनी अपने काम का विस्तार कर रही है नहीं. क्योंकि कंपनी आगे बढ़ती है तो आपको क्षमता दिखाने यानी ग्रोथ पाने की संभावना बढ़ जाती है. अगर आपको पता चले कि कंपनी कुछ नया नहीं करने जा रही तो भी नई नौकरी की तलाश शुरु कर देनी चाहिए.

'काम के मुताबिक ना हो सैलरी'

आपको पहले से तय किए गए काम के अलावा नई-नई जिम्मेदारियां दे दी जाएं. और आप बिना किसी सवाल के मन मारकर वो काम कर रहे हों और ऐसा काफी समय से चल रहा हो, लेकिन कंपनी काम के मुताबिक आपकी सैलरी न बढ़ा रही हो ऐसे में आप अपनी कंपनी से सैलरी बढ़ाने की डिमांड कर सकते हैं और ना मिलने पर दूसरी नौकरी तलाश सकते हैं. 

'ओवर क्वालिफाइड हों तो'

एंट्री लेवल पर आपको काम करने का मौका मिले तो उसे नहीं छोड़ना चाहिए. वहीं जब आपके पास कुछ बताने लायक एक्सपीरियंस हो जाए तो उस योग्यता के मुताबिक नई पोजिशन के लिए कोशिश शुरु कर देनी चाहिए. इससे आपको करियर में एक्सप्लोर करने का मौका मिल जाता है. क्योंकि जब आप एक कंपनी से दूसरी कंपनी में जॉब स्विच (JOB switch) करते हैं तो आपको नए लोग नई टेक्निक और सॉफ्टवेयर के साथ काफी हद तक नई-नई स्किल सीखने को मिलती है जो आगे करियर में बहुत काम आ सकती है. 

'बेतुका व्यवहार होने लगे'

कई बार जब कंपनी के मैनेजमेंट में बदलाव होता है तो वहां काम करने वाले कुछ कर्मचारियों से बेतुका व्यवहार शुरु कर दिया जाता है. उनकी गलती ना होने पर भी उनसे सवाल पूछने शुरु कर दिए जाते हैं. उनको बार-बार परेशान किया जाता है. अगर आपके साथ भी ऐसा व्यवहार हो रहा है तो आप रिजाइन मारने की सोच सकते हैं. क्योंकि उस स्थिति में आपका ग्रोथ रुक जाता है. ऐसे में फौरन नौकरी बदल लीजिए.

'कंपनी डूबने वाली हो'

वहीं जब आपकी कंपनी वित्तीय संकट से  गुजर रही हो तो इसका बुरा असर वहां के एम्प्लाईज पर भी पड़ता है. ऐसे में कंपनी छंटनी में आपको निकालने की सोंचे इससे पहले आपको नई नौकरी की तलाश तेज कर देनी चाहिए और मौका मिलते ही फौरन नौकरी बदलना तत्कालिक और दूरगामी दोनों स्थितियों के लिए मुनाफे का सौदा बन जाता है.

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