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नई दिल्ली : लोकसभा में वित्त विधेयक को मंजूरी मिलने के एक दिन बाद सरकार ने बुधवार को कहा कि वह ब्रितानी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन से कर तथा जुर्माने की वसूली के लिए आगे कदम बढाएगी जिसकी राशि फिलहाल 20,300 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। वित्त सचिव आरएस गुजराल ने कहा कि वित्त विधेयक 2012 के कारण पहले भेजे सभी नोटिस वैध हो जाएंगे इसलिए वोडाफोन मामले में किसी नए नोटिस की जरूरत नहीं होगी।
हालांकि वोडाफोन ने 20,000 करोड़ रुपये के आसन्न कर डिमांड नोटिस को देखते हुए आज कर कानूनों में पिछली तारीख से संशोधन के लिए सरकार की आलोचना की। कंपनी ने सरकार के इस फैसले को पूरी तरह अनुचित करार देते हुए कहा है कि वह अपने शेयरधारकों के हितों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।
गुजराल ने एक टीवी चैनल पर कहा कि वित्त विधेयक में एक वैधीकरण उपबंध है जो यह है कि इस बारे में पारित सभी आदेश व आकलन वैध होंगे। उन्होंने कहा कि एसेसमेंट आर्डर के साथ साथ जुर्माने से जुड़े आदेश को भी संसद ने वैधता दे दी है। गुजराल ने कहा कि बकाया वसूली के लिए कदम उठाना सरकार का काम है। वोडाफोन के बयान में कहा गया है कि स्वाभाविक रूप से हम निराश हैं।
भारत तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक चिंताओं के बावजूद सरकार ने कर कानूनों में पिछली तारीख वाले कर कानूनों से पैदा होने वाली अनिश्चितता के मुद्दे पर प्रस्तावित संशोधनों पर ध्यान नहीं दिया है। वोडाफोन ने हचिसन-एस्सार में हचिसन की हिस्सेदारी खरीदने के लिए 2007 में अरबों डालर का सौदा किया था। एक अनुमान के अनुसार इसमें जुर्माने व ब्याज सहित उसे 20,300 करोड़ रुपये देने पड़ सकते हैं।
(एजेंसी)