‘मारीशस का इस्तेमाल धनशोधन के लिए नहीं किया जा सकता’
Advertisement

‘मारीशस का इस्तेमाल धनशोधन के लिए नहीं किया जा सकता’

कालेधन की पनाहगा की अपनी छवि खत्म खत्म करने में प्रयासरत मरीशस ने कहा है कि उसकी जमीन का इस्तेमाल राउंड ट्रिपिंग के लिए नहीं किया जा सकता क्यों कि ऐसी चाल पर अंकुश लगाने वाले सबसे सख्त देशों में से एक है। उसने यह भी कहा है कि वहां से भारत में किया जाना वाला निवेश एक सख्त जांच पड़ताल से होकर गुजरता है।

नई दिल्ली : कालेधन की पनाहगा की अपनी छवि खत्म खत्म करने में प्रयासरत मरीशस ने कहा है कि उसकी जमीन का इस्तेमाल राउंड ट्रिपिंग के लिए नहीं किया जा सकता क्यों कि ऐसी चाल पर अंकुश लगाने वाले सबसे सख्त देशों में से एक है। उसने यह भी कहा है कि वहां से भारत में किया जाना वाला निवेश एक सख्त जांच पड़ताल से होकर गुजरता है।
अंग्रेजी में राउंड ट्रिपिंग का आशय किसी देश से चोरी छुपे का धन ला कर वापस उसी देश में निवेश करने की चाल से है। मारीशस के एकीकृत वित्तीय सेवा नियामक एफएससी के चेयरमैन मार्क हेन ने कहा, ‘जहां तक भारत में निवेश का संबंध है, नियामकीय जरूरतें बहुत जटिल हैं। अगर कोई आता है और कहता है कि वह भारत में निवेश करना चाहता है, तो हमारे पास बहुत सख्त लाइसेंसिंग शर्तें हैं।’
उन्होंने बताया, ‘इसके अलावा, हम जो कर निवासी प्रमाण पत्र देते हैं, उसका हर साल नवीकरण कराना होता है और नवीकरण के समय उन्हें एफएससी एवं एमआरए (मारीशस राजस्व प्राधिकरण) को संतुष्ट करना हेाता है।’
हेन ने कहा, ‘मारीशस की तरफ से हमने काफी कुछ किया है। कर सूचना आदान-प्रदान समझौता हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है और जैसा कि हमारे नेताओं ने कहा है, हम काफी आगे बढ़ चुके हैं।’
उन्होंने कहा, ‘एफएससी के निदेशक मंडल की बैठक के दौरान हमें एक भी ऐसा मामला देखने को नहीं मिला जहां मारीशस को यह शिकायत की गई हो कि भारतीय संस्थानों द्वारा मांगी गई कोई सूचना मारीशस ने उपलब्ध नहीं कराई है।’ (एजेंसी)

Trending news