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त्रिपोली : लीबिया में करीब एक साल पहले मुअम्मर गद्दाफी को पाइप में से पकड़ने वाले एक युवा विद्रोही ओमर शाबन की फ्रांस के अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। गद्दाफी के समर्थकों ने उसका अपहरण कर लिया था और उसे बुरी तरह मारा-पीटा था। उन्होंने उसके शरीर को जगह-जगह काट दिया था। शाबन की मौत के बाद लीबिया में हिंसा भड़कने की आशंका बढ़ गई है। नवनिर्वाचित कांग्रेस ने भी पुलिस तथा सेना को शाबन तथा उसके तीन साथियों का इस साल जुलाई में अपहरण करने वालों को पकड़ने के लिए जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग का इस्तेमाल करने का अधिकार दे दिया है।
`अलजजीरा` के अनुसार, 22 वर्षीय शाबन का शव मंगलवार को फ्रांस से मिसराता लाया गया, जहां उसके परिवार के सदस्य और समर्थक उसका इंतजार कर रहे थे। उसके परिवार के सदस्यों का कहना है कि अपहरणकर्ताओं ने उसके कमर में गोली मारी थी, जिससे वह अपाहिज हो गया था। लीबिया की सरकार ने कहा है कि शाबन को राष्ट्रीय हीरो की तरह दफनाया जाएगा।
शाबन का शव मंगलवार को फ्रांस से लाए जाने के बाद राष्ट्रीय ध्वज में लपेटकर मिसराता के स्पोर्ट्स स्टेडियम ले जाया गया, जहां हजारों लोगों ने उसे श्रद्धांजलि दी। नेशनल कांग्रेस ने उसे शहीद का दर्जा दिया है। शाबन पिछले साल सुर्खियों में आया था, जब 20 अक्टूबर, 2011 को उसने सिरते शहर में गद्दाफी को पाइप से पकड़ा था। (एजेंसी)