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नई दिल्ली : भाजपा ने विवादास्पद सांसद सुरेश कलमाड़ी और ए. राजा को संसद की स्थायी समितियों में नामित किए जाने की आज आलोचना की, जबकि इसके सहयोगी दल जदयू को इसमें कुछ गलत नजर नहीं आता।
भाजपा ने कहा कि इस कदम से यह जाहिर हो गया है कि कांग्रेस नीत संप्रग भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के प्रति गंभीर नहीं है। हालांकि, कांग्रेस ने इस फैसले का बचाव किया और कहा कि स्थायी समितियों का सदस्य बनना सांसदों का अधिकार है। भाजपा ने कहा कि कलमाड़ी को राष्ट्रमंडल खेल परियोजनाओं में घोटाले के मामले में जेल भेजा गया था ऐसे में कांग्रेस ने उन्हें विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति का सदस्य बना दिया है।
भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह फैसला किया है जिन्होंने कलमाड़ी को स्थायी समिति में नामित किया।’ रूडी के सहयोगी और भाजपा प्रवक्ता जेपी नड्डा ने भी समान विचार प्रकट करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस भ्रष्टाचार का समर्थन कर रही है। नड्डा ने आरोप लगाया, ‘इस तरह के मामले जब सामने आते हैं तब कांग्रेस उन तथ्यों को दबाने की कोशिश करती है और वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के प्रति गंभीर नहीं है। यहां तक कि कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में प्रधानमंत्री को सीधे तौर पर इसमें शामिल पाया गया क्योंकि उस वक्त वह खुद ही कोयला मंत्री थे।’
हालांकि, राजग के एक अन्य प्रमुख घटक दल एवं भाजपा के सहयोगी जदयू ने उनके ऐतराज से असहमति जताई। जदयू अध्यक्ष और राजग के संयोजक शरद यादव ने कहा, ‘वे लोग सांसद हैं। ए.राजा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में संलिप्त हैं लेकिन उन्हें स्पेक्ट्रम की परमार्शदात्री समिति में शामिल नहीं किया जाएगा। इसी तरह से, कलमाड़ी खेल के क्षेत्र में आरोपों का सामना कर रहे हैं। समितियों में सांसद के तौर पर उनके अधिकार बने रहेंगे।’ यादव ने कहा कि यहां तक कि ऐसे उद्योगपति जो सांसद बन गए हैं वे भी इन समितियों में शामिल हैं। इस तरह के मामलों में हितों का टकराव नहीं होना चाहिए।
बहरहाल, कांग्रेस का मानना है कि कलमाड़ी और राजा को स्थायी समितियों का सदस्य बनाए जाने को कोई मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता पीसी चाको ने कहा कि समिति में शामिल होना संसद सदस्य का अधिकार है, चाहे जो कुछ भी आरोप हों। (एजेंसी)