जिंदल ने दी थी मेरी हत्या की सुपारी: रमेश अग्रवाल
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जिंदल ने दी थी मेरी हत्या की सुपारी: रमेश अग्रवाल

सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता रमेश अग्रवाल ने गुरुवार को एक चौंकाने वाला खुलासा किया। अग्रवाल ने आरोप लगाया कि उन्हें ठिकाने लगाने के लिए सुपारी दी गई क्योंकि वह रायगढ़ में जिंदल स्टील एवं पावर लिमिटेड की महात्वाकांक्षी योजनाओं के लिए एक बड़ी बाधा साबित हो रहे थे। अग्रवाल ने कहा कि उन्हें पक्का यकीन है कि उनकी हत्या कराने की साजिश नवीन जिंदल ने रची थी।

ज़ी न्यूज ब्यूरो
रायगढ़ : सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता रमेश अग्रवाल ने गुरुवार को एक चौंकाने वाला खुलासा किया। अग्रवाल ने आरोप लगाया कि उन्हें ठिकाने लगाने के लिए सुपारी दी गई क्योंकि वह रायगढ़ में जिंदल स्टील एवं पावर लिमिटेड की महात्वाकांक्षी योजनाओं के लिए एक बड़ी बाधा साबित हो रहे थे। अग्रवाल ने कहा कि उन्हें पक्का यकीन है कि उनकी हत्या कराने की साजिश नवीन जिंदल ने रची थी।
आरटीआई कार्यकर्ता ने जिंदल ग्रुप के बारे में स्पष्ट रूप से कहा, पहले वह आपको खरीदने की कोशिश करते हैं और इसमें सफल न होने पर वे फिरौती जैसे फर्जी मामले दर्ज करा आपको धमकाते हैं और इसमें भी वे जब सफल नहीं हो पाते तो वे आपकी हत्या करा देते हैं।
औद्योगिक परियोजनाओं के चलते होने वाले औद्योगिक प्रदूषण और विस्थापन से अपने आरटीआई के जरिए स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए मशहूर 56 वर्षीय रमेश अग्रवाल को इस साल के जुलाई में रायगढ़ स्थित उनके कार्यालय में गोली मारी गई। हालांकि, अग्रवाल इस हमले में बच गए लेकिन गम्भीर चोट की वजह से वह आज भी बिस्तर छोड़ नहीं पाए हैं।
अग्रवाल के मुताबिक फर्जी फिरौती मामले में जमानत मिलने के ठीक बाद उन्हें दो गोली मारी गई। समझा जाता है कि अग्रवाल की शिकायत पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जेएसपीएल के तामनार पावर प्लांट की मंजूरी खारिज किए जाने के बाद जिंदल ग्रुप ने उनके खिलाफ पांच करोड़ रुपए की फिरौती का मामला दर्ज कराया।
अग्रवाल की वजह से ‘नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल’ ने जिंदल ग्रुप को तामनार में कोयला ब्लॉक आवंटन निरस्त कर दिया। समझा जाता है कि इसकी वजह से जिंदल ग्रुप खासतौर पर अग्रवाल को अपने निशाने पर लिया।
अग्रवाल पर गोलीबारी के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया जबिक मामले में दो लोगों के आत्मसमर्पण ने जिंदल ग्रुप की कलई खोल दी। मामले में एक आरोपी के.के. चोपड़ा जिंदल स्टील एवं पावर लिमिटेड को सुरक्षा प्रदान करने वाली एसएफएसएस कम्पनी में सुरक्षा निदेशक है। जबकि दूसरा आरोपी एस.एन.पाणिग्रही ओडिशा के आंगुल में जिंदल के संयंत्र में सुरक्षा का डिप्टी जीएम है।
रमेश अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस पर विश्वास नहीं है और उन्होंने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास भेजने के लिए मुख्यमंत्री रमन सिंह एवं राज्यपाल शेखर दत्त से अनुरोध किया है।
अग्रवाल ने कहा, मेरी लड़ाई जारी है जिन लोगों ने मुझ पर हमला किया वे केवल चेहरे थे लेकिन इस हमले की साजिश के पीछे जिंदल है और दोषी को सजा मिलनी चाहिए।

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