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नई दिल्ली : सीएजी ने सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को कटघरे में खड़ा कर दिया है. सीएजी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एयर इंडिया ने खराब माली हालत के बावजूद 11 अरब अमेरिकी डॉलर की कीमत चुकाकर 111 विमानों की खरीदा है. कैग ने एयर इंडिया के बड़ी संख्या में विमानों की खरीद के सौदे को जोखिम भरा बताया है.
कैग के मुताबिक, इतनी बड़ी संख्या में विमानों की खरीद के चलते ही एयर इंडिया की यह हालत हो गई है. साल 2002-10 के बीच एयर इंडिया की वित्तीय हालत पर तैयार की गई सीएजी की रिपोर्ट गुरुवार को संसद में रखी गई. रिपोर्ट में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के समय पर भी सवाल उठाए गए हैं. इस दौरान सबसे ज़्यादा समय यह मंत्रालय एऩसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल के पास था. एयर इंडिया 31 मार्च, 2011 तक करीब 40 हजार करोड़ रुपये के घाटे में था.
एयर इंडिया ने पिछले दो वित्तीय वर्षों में हर साल एक अरब अमेरिकी डॉलर के हिसाब से घाटा सहा है. यही वजह है कि कंपनी कई मौकों पर अपने कर्मचारियों को समय से वेतन नहीं दे पाई और तेल कंपनियों और एयरपोर्ट को देय रकम भी कई बार चुका नहीं पाई.