मुंबई में अन्‍ना हजारे का अनशन शुरू
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मुंबई में अन्‍ना हजारे का अनशन शुरू

उत्साह से भरे समर्थकों के बीच अन्ना हजारे मंगलवार को ‘कमजोर’ लोकपाल विधेयक के खिलाफ यहां तीन दिन के अनशन पर बैठ गए जबकि प्रस्तावित कानून पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई।

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

 

मुंबई : उत्साह से भरे समर्थकों के बीच अन्ना हजारे मंगलवार को ‘कमजोर’ लोकपाल विधेयक के खिलाफ यहां तीन दिन के अनशन पर बैठ गए जबकि प्रस्तावित कानून पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई।

 

वाइरल संक्रमण से पीड़ित अन्‍ना अपने घनिष्ठ सहयोगियों अरविन्द केजरीवाल, किरण बेदी और मनीष सिसौदिया के साथ मुंबई के उपनगरीय क्षेत्र बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स में एमएमआरडीए मैदान पहुंचे जो समर्थकों की हर्ष ध्वनि ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के गगनभेदी नारों से गूंज उठा।

 

अन्‍ना ने ‘वंदे मातरम’ और ‘इंकलाब जिन्दाबाद’ के नारों के साथ अपना अनशन शुरू किया। अनशन स्थल पर पहुंचने से पहले 74 वर्षीय हजारे अपनी रैली के दौरान जुहू बीच पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। रैली सांताक्रुज ट्यूलिप स्टार होटल मिठीभाई कॉलेज एसवी रोड विले पार्ले खार और बांद्रा राजमार्ग से होकर गुजरी। इसे अनशन स्थल तक पहुंचने में ढाई घंटे लगे। अन्‍ना गेस्ट हाउस से एक सुसज्जित खुले ट्रक पर तिरंगा लहराते हुए एमएमआरडीए मैदान के लिए निकले। बड़ी संख्या में लोग उनका समर्थन करने के लिए सड़कों पर खड़े थे। इस दौरान निकली रैली में भारी संख्‍या में लोग उमड़े।

 

हालांकि उस समय हंगामा देखने को मिला जब लगभग 20 लोगों ने उनके काफिले को रोक दिया और उन्हें काले झंडे दिखाए । जुहू बीच पर महात्मा गांधी की प्रतिमा की ओर जा रहे हजारे के काफिले को थोड़ी देर के लिए प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया।

 

हालांकि दिल्ली में टीम अन्ना का आंदोलन आज हल्के अंदाज में शुरू हुआ। सर्दी की वजह से ज्यादा लोग आंदोलन स्थल तक नहीं पहुंचे और अन्ना हजारे की गैर मौजूदगी के कारण भी लोग रामलीला मैदान पहुंचने को उतावले नजर नहीं आए। रामलीला मैदान में आंदोलन और क्रमिक अनशन सुबह दस बजे शुरू होना था, लेकिन यह 90 मिनट देर से शुरू हो पाया क्योंकि भीड़ उतनी नहीं थी जितनी कि अन्ना के पिछले आंदोलन के दौरान दिखी थी। दिल्ली के आंदोलन की अगुवाई कर रहे शांतिभूषण खुद ही साढ़े दस बजे मंच पर आए।

 

हालांकि टीम अन्ना के अन्य सदस्य एवं शांतिभूषण के पुत्र प्रशांत भूषण आंदोलनस्थल पर मौजूद थे और मीडिया को आंदोलन के बारे में और इसके देर से शुरू होने के बारे में जानकारी दे रहे थे। शांतिभूषण तकरीबन एक घंटे तक मंच पर तनहा बैठे रहे और नेपथ्य में संगीत बजता रहा। प्रशांत और टीम अन्ना के बाकी सदस्य बाद में उनके पास पहुंचे। अन्‍ना को दरअसल दिल्ली में ही अनशन पर बैठना था, लेकिन राजधानी में ठंड का प्रकोप देखते हुए उनका अनशन स्थल बदलकर मुंबई हो गया।

 

प्रशांत ने सुबह के समय बर्फीली ठंडक और कोहरे को लोगों की कम संख्या के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि लोग यहां आएंगे। आज सर्दी और कोहरा ज्यादा है। लोगों को यहां आने में थोड़ा समय लगेगा। वे आएंगे। चिंता मत कीजिए।

 

कार्यकर्ता गोपाल राय ने कहा कि सर्दी और हजारे की गैर मौजूदगी के कारण शायद कम लोग आ रहे हैं। उन्होंने भी ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद जताई। आंदोलन की जरूरत का औचित्य समझाते हुए प्रशांत ने कहा कि मौजूदा स्वरूप में यह विधेयक अस्वीकार्य है। आंदोलन और इसके साथ ही जेल भरो आंदोलन जारी रहेगा। मुंबई में पुलिस ने अनशन स्थल को किले में तब्दील कर दिया है । वहां दो हजार पुलिस कांस्टेबल 200 उपनिरीक्षक राज्य रिजर्व बल की छह प्लाटून तीन त्वरित कार्रवाई दल और दो बम निरोधक दस्ते तैनात किए गए हैं।

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