मैं सिर्फ हिंदुओं का ही नेता नहीं हूं: नरेंद्र मोदी
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मैं सिर्फ हिंदुओं का ही नेता नहीं हूं: नरेंद्र मोदी

योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि योग पीठ के शिक्षण संस्थान आचार्यकुलम का उद्घाटन करने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि संतों के साथ बैठने का उन्हें सौभाग्य मिला है। मोदी ने कहा कि देश के निर्माण में संतों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

हरिद्वार : देश के प्रधानमंत्री पद के लिये संत समाज के एक वर्ग द्वारा सर्वाधिक उपयुक्त व्यक्ति बताये जाने के बीच शुक्रवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें संतों के आशीर्वाद की जरूरत किसी पद के लिये नहीं बल्कि सही रास्ते पर चलते रहने के लिये है । योगगुरू बाबा रामदेव के यहां कनखल स्थित पतंजलि योगपीठ में आचार्यकुलम शिक्षण संस्थान के उदघाटन के मौके पर इकटठा हुए प्रमुख संतों ने एक सुर में कहा कि केवल मोदी ही देश को भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों से मुक्ति दिला सकते हैं ।
मोदी ने कहा कि मुझे संतों का आशीर्वाद किसी पद के लिये नहीं चाहिये । मुझे उनका आशीर्वाद इसलिये चाहिये कि मैं कुछ गलत न करूं । मेरे हाथों से कभी कुछ गलत न हो । मेरे हाथों से किसी का बुरा न हो जाये । अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कभी हिंदू भवन्तु सुखिन: की भावना से कार्य नहीं किया और उनका मूल मंत्र समाज के सभी वर्गों के कल्याण की भावना रही है ।
मोदी ने कहा कि उनके राज्य में पिछले 12 साल में कोई दंगे नहीं हुए और उन्होंने हमेशा सर्वे भवन्तु सुखिन: की परंपरा से काम किया है ।
दो साल पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के भ्रष्टाचार और काला धन विरोधी आंदोलन पर कथित रूप से केंद्र की सरकार के इशारे पर की गयी कथित दमनात्मक कार्रवाई का जिक्र करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री ने पूछा कि बाबा रामदेव का गुनाह क्या था ।
उन्होंने कहा कि सिर्फ वह नहीं बल्कि पूरा देश और उस आंदोलन के दौरान मारी गयी राजबाला भी यह पूछ रही है कि लोकतंत्र में विपरीत विचार रखना क्या गुनाह है और आंदोलनकारियों पर जुल्म क्यों किये गये ।

देश को योग के माध्यम से रोग मुक्त करने में बाबा रामदेव के योगदान को अतुलनीय बताते हुए मोदी ने इशारों में कांग्रेस पर व्यंग्य करते हुए कहा कि बाबा का कपालभाती योग लोगों के कपाल की भ्रांतियां भी समाप्त कर देगा। रामदेव को सच्चा योगसाधक और ‘वन लाइफ वन मिशन’ वाला व्यक्ति बताते हुए मोदी ने दावा किया कि वह योजनाबद्ध तरीके से कुछ नहीं करते ।
उन्होंने कहा कि बाबा तो लोगों का स्वास्थ्य ठीक कर रहे थे लेकिन जब उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य को संकट में देखा, तो उसके लिये आवाज उठायी। गुजरात के विकास का श्रेय गुजरातियों को देते हुए उन्होंने कहा कि जब छह करोड़ लोग गुजरात को बदल सकते हैं तो देश के 125 करोड़ लोगों का पुरूषार्थ भी भारत का भाग्य बदल सकता है ।
बाबा रामदेव ने कहा कि ऐसे समय में जब मुटठी भर लोगों के हाथों में सत्ता है, देश का हजारों करोड़ रूपये का कालाधन विदेशों में है और हमारे पड़ोसी देशों का दुस्साहस बढ़ रहा है, केवल मोदी ही देश को सक्षम नेतृत्व दे सकते हैं।
रामदेव ने कहा कि पाकिस्तान हमारे सैनिक का सिर काट देता है, चीन हमारी सीमा में 10 किमी अंदर घुस आता है, कोई कुछ नहीं बोलता । आखिर कौन इसके खिलाफ लड़ेगा । इस संबंध में उन्होंने कहा कि कोई मुझसे पूछ रहा था कि शिक्षण संस्थान के उदघाटन के लिये मोदी को ही क्यों बुलाया गया ।
उन्होंने कहा कि मैंने जबाब दिया कि वह (मोदी) आस्थावान, अध्यात्म में विश्वास करने तथा ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले संन्यासी हैं हालांकि वह भगवा वस्त्र नहीं पहनते ।’ रामदेव के अलावा, कई अन्य संतों ने भी मोदी को ही देश का नेतृत्व संभालने के लायक बताया ।
भारत को विश्व का सबसे युवा देश बताते हुए मोदी ने कहा कि 21 वीं सदी ज्ञान की सदी है और भारत जैसा ज्ञानवान देश ही विश्वगुरू बनेगा ।
अपने हरिद्वार आगमन पर खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वह इस वर्ष हुए प्रयाग कुंभ में नहीं जा पाये थे लेकिन अब हरिद्वार में गंगातट पर संतों के सान्निध्य से उनके मन की कसक कुछ कम हुई है । (एजेंसी)

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