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नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के तीन हत्यारों की दया याचिकाओं को खारिज कर उन्हें फांसी की सजा दिये जाने पर मुहर लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2000 में तीनों कातिलों को मौत की सजा दिए जाने की पुष्टि की थी.
राष्ट्रपति के इस फैसले के बाद संसद पर हमले के आरोपी अफजल को जल्द फांसी की उम्मीद बढ़ गई है. गौरतलब है कि 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. निचली अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद 1999 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के सदस्यों मुरुगन, संथान, पेरारिवलन और नलिनी को फांसी की सजा सुनाई थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने नलिनी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था.
राष्ट्रपति भवन के एक प्रवक्ता ने कहा, महामहिम (प्रतिभा पाटिल) ने पिछले हफ्ते ही राजीव गांधी के हत्यारों मुरुगन, संथान, पेरारिवलन की दया याचिका को खारिज कर दिया है. इन तीनों को आपराधिक साजिश रचने और आत्मघाती हमले की साजिश को अंजाम देने का दोष सिद्ध हुआ है. इन तीनों ने सुप्रीम कोर्ट की पुष्टि के बाद राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी. गृह मंत्रालय ने 21 जून 2005 को अपनी राय भेजी थी जिसे 23 फरवरी 2011 को समीक्षा के लिए भेजा गया और मंत्रालय ने अपनी राय आठ मार्च 2011 को फिर से राष्ट्रपति को सौंप दी. इससे पहले राष्ट्रपति ने गृह मंत्रालय की सिफारिश पर पंजाब के देविंदर पाल सिंह भुल्लर और असम के महेंद्र नाथ दास की दया याचिका को खारिज कर दिया था.