विधानसभा मामला: आदेश निरस्त करने से इनकार
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विधानसभा मामला: आदेश निरस्त करने से इनकार

उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु विधानसभा एवं सचिवालय परिसर चेन्नै के फोर्ट सेन्ट जार्ज स्थित पुरानी इमारत में स्थानांतरित करने के प्रदेश की अन्नाद्रमुक सरकार के निर्णय के खिलाफ याचिका गुरुवार को खारिज कर दी।

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु विधानसभा एवं सचिवालय परिसर चेन्नै के फोर्ट सेन्ट जार्ज स्थित पुरानी इमारत में स्थानांतरित करने के प्रदेश की अन्नाद्रमुक सरकार के निर्णय के खिलाफ याचिका गुरुवार को खारिज कर दी।
प्रधान न्यायाधीश अलतमस कबीर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के सत्ता में आने के बाद मई, 2011 में विधानसभा एवं सचिवालय परिसर स्थानांतरित करने का राज्य सरकार का निर्णय निरस्त करने से इंकार कर दिया।
न्यायाधीशों ने कहा कि इस तरह के मसले दूसरे मंचों पर उठाये जाने चाहिए और न्यायालय को इनका निबटारा नहीं करना चाहिए। इससे पहले, न्यायालय में दलील दी गयी कि ओमान्दुरार गर्वन्मेन्ट इस्टेट में स्थिति नयी इमारत में विधान सभा स्थानांतरित करने के द्रमुक सरकार के पूर्व के निर्णय को बदलने के इरादे से ही राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है।
मुख्यमंत्री जयललिता के सत्ता संभालने के बाद सरकार विधान सभा एवं सचिवालय को पुरानी इमारत में स्थानांतरित करने और नयी इमारत को अस्पताल और मेडिकल कालेज में तब्दील करने का निर्णय किया था। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार के इस निर्णय को सही ठहराने वाले उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर यह आदेश दिया। उच्च न्यायालय में द्रमुक नेता आर वीरामणि ने चुनौती दी थी।
पिछले साल 20 जून को न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा था कि नई इमारत से विधान सभा और सचिवालय को स्थानांतरित करने से राज्य सरकार को रोकने का प्रकरण अभी उच्च न्यायालय में लंबित है। (एजेंसी)

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