सीआईसी पर फैसला कानूनी चूक, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला वापस लिया
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सीआईसी पर फैसला कानूनी चूक, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला वापस लिया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपना एक निर्णय वापस लेते हुए स्वीकार किया कि उसने यह निर्देश देकर एक ‘कानूनी चूक’ की थी कि सिर्फ उच्च न्यायालय के मौजूदा या सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश या शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश केंद्रीय और राज्य सूचना आयोग के प्रमुख हो सकते हैं।

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपना एक निर्णय वापस लेते हुए स्वीकार किया कि उसने यह निर्देश देकर एक ‘कानूनी चूक’ की थी कि सिर्फ उच्च न्यायालय के मौजूदा या सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश या शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश केंद्रीय और राज्य सूचना आयोग के प्रमुख हो सकते हैं।
न्यायमूर्ति एके पटनायक और न्यायमूर्ति एके सीकरी की सदस्यता वाली पीठ ने पिछले साल 13 सितंबर को इस प्रकरण में सुनाया गया अपना वह निर्णय वापस ले लिया जिसमें सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के बारे में कुछ निर्देश जारी किए गए थे।
पीठ ने कहा कि यह कानूनी चूक थी। हम निर्देशों को वापस लेते हैं। पीठ ने केंद्र सरकार की याचिका पर यह व्यवस्था दी। केन्द्र सरकार ने न्यायालय से पिछले साल के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था। केंद्र सरकार का तर्क था कि शीर्ष न्यायालय का निर्णय पारदर्शिता कानून के प्रावधानों के खिलाफ है।
गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय ने पिछले साल अपने फैसले में कहा था कि अन्य अर्ध न्यायिक इकाइयों की तरह, न्यायिक पृष्ठभूमि के लोग भी केंद्रीय और राज्य सूचना आयोगों के सदस्य नियुक्त किए जाएं तथा यह प्रधान न्यायाधीश और संबद्ध उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से परामर्श कर किया जाना चाहिए।
न्यायालय ने सरकार को इसके लिए सूचना के अधिकार कानून में आवश्यक संशोधन करने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने कहा था कि केंद्र या राज्य स्तर पर मुख्य सूचना आयुक्त सिर्फ ऐसे लोग होने चाहिए जो उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हों या रह चुके हो या, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश हों। न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर यह फैसला दिया था। इस याचिका में सूचना का अधिकार कानून 2005 की धारा 12 और 15 को चुनौती दी गई थी जो आयोग के सदस्यों के लिए अर्हता निर्धारित करता है। न्यायालय ने हालांकि इन धाराओं को रद्द करने से इनकार कर दिया था लेकिन सरकार से उसमें संशोधन करने के लिये कहा था ताकि न्यायिक पृष्ठभूमि के लोगों को भी इन पदों के लिए वरीयता दी जा सके। (एजेंसी)

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