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रायपुर : छत्तीसगढ़ के लोगों को कई शुभ कार्यों के लिए लगभग दो माह तक इंतजार करना पड़ा है। अब वह शुभ घड़ी फिर से आ गई है। गत दो माह से अस्त शुक्र का उदय रविवार को पश्चिम दिशा से हुआ। इसके साथ ही फिर से शहनाइयों की गूंज सुनाई देने लगेगी।
प्रदेश में 24 अप्रैल से बैंड बाजों के साथ बारातों के निकलने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। वर्ष 2013 के शेष सवा आठ महीनों में 53 दिन मंगल कार्य होंगे। इसमें विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, यज्ञोपवीत संस्कार आदि कार्य शामिल हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित मनिज शर्मा के अनुसार 16 फरवरी को शुक्रास्त के बाद से मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया था। 21 अप्रैल को शुक्र के उदय होने के बाद 24 अप्रैल से पुन: मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। यह क्रम चार जून तक चलेगा।
ज्योतिषी लेखराम तिवारी ने बताया कि पांच जून से तीन जुलाई तक गुरु अस्त होने से 24 दिन विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे। इस बार भेंडरा नवमी पर भी विवाह नहीं होंगे। 12 जुलाई से देव शयन के बाद फिर चार माह तक विवाह नहीं होंगे। देवउठनी एकादशी पर सूर्य के अपनी नीच राशि तुला में होने के कारण विवाह नहीं होंगे।
बहरहाल शुक्र उदय होने के बाद अब लोग अपने अपने शुभ कामों को पूर्ण करने की तैयारी में लग गए हैं। (एजेंसी)