शुल्क वापसी मुद्दे पर अभिभावक परेशान
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शुल्क वापसी मुद्दे पर अभिभावक परेशान

नर्सरी में बच्चों के दाखिले को लेकर दिल्ली में अभिभावकों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है और बहुत से स्कूलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि माता-पिता प्रवेश के बाद अपने बच्चे का नाम वापस लेते हैं तो उनके द्वारा जमा किया गया शुल्क वापस नहीं किया जाएगा।

 

नई दिल्ली :  नर्सरी में बच्चों के दाखिले को लेकर दिल्ली में अभिभावकों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है और बहुत से स्कूलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि माता-पिता प्रवेश के बाद अपने बच्चे का नाम वापस लेते हैं तो उनके द्वारा जमा किया गया शुल्क वापस नहीं किया जाएगा।

 

मध्य दिल्ली के निवासी संजय शर्मा का कहना है कि पूसा रोड स्थित एक स्कूल उनके बेटे के दाखिले के लिए 45 हजार रुपये मांग रहा है और यदि वह प्रवेश के बाद अपने बच्चे का नाम वापस लेंगे तो यह शुल्क वापस नहीं होगा।
शर्मा ने कहा कि वे 45 हजार रुपये मांग रहे हैं जो वापस नहीं किए जाएंगे। मैं मुश्किल स्थिति में हूं। यदि मैं अब फीस जमा कर देता हूं और यदि दूसरी सूची में मेरे बेटे को किसी अन्य स्कूल में दाखिला मिल जाता है तो मेरे लिए इसे वहन करना मुश्किल होगा। यही कहानी राम्या शंकर की है। उनकी बेटी का चयन भी इसी स्कूल में हुआ है।

 

उन्होंने कहा कि मैं दुविधा में हूं। मेरी समझ में नहीं आ रहा कि सीट रोक दी जाए या फिर दूसरी सूची का इंतजार किया जाए। बहुत से अभिभावकों की शिकायत है कि अनेक स्कूल प्रवेश शुल्क नकद जमा करने को कह रहे हैं। वे बच्चों का नाम वापस लिए जाने की स्थिति में फीस वापस नहीं करना चाहते। मथुरा रोड स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल ने अभिभावकों से प्रवेश शुल्क के रूप में 40 हजार रुपये लाने को कहा है और नाम वापस लिए जाने की स्थिति में इनमें से सिर्फ 500 रुपये वापस किए जाएंगे।

 

इसकी वेबसाइट पर एक नोटिस में कहा गया है, कृपया नोट कीजिए कि नाम वापस लनेने की सूरत में या प्रवेश के बाद स्कूल नहीं आने पर केवल कॉशन राशि  (500 रुपये) वापस की जाएगी। अभिभावकों के ऑनलाइन फोरम ‘एडमिशननर्सरी डॉट कॉम’ के संस्थापक सुमित वोहरा का कहना है, ‘इससे पता चलता है कि कुछ स्कूल सरकार द्वारा तय किए गए नियमों को धता बता रहे हैं। वोहरा उल्लेख करते हैं, ‘बहुत से नए स्कूल हैं जिन्हें शिक्षा निदेशालय से मान्यता प्राप्त नहीं है, जबकि कुछ पुराने स्कूलों को नई शाखाओं के लिए मंजूरी नहीं मिल रही है । सारी रणनीति फीस वापस नहीं करने की है।

(एजेंसी)

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