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नई दिल्ली : उद्योग मंडल एसोचैम ने देश में सस्ते मकानों को बल देने के लिए कदम सुझाए हैं जिनमें आवास क्षेत्र को ढांचागत क्षेत्र का दर्जा देना, लैंड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, रीयल इस्टेट में एफडीआई नियमों में ढील देना तथा बीमा तथा पेंशन कोषों को क्षेत्र में निवेश की अनुमति देना शामिल है।
एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने एक बयान में कहा है, सस्ते मकान विकल्पों को बढाने के लिए पर्याप्त व उचित कदम उठाने से न केवल जीडीपी को बल मिलेगा बल्कि भारतीय नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा है कि रीयल इस्टेट क्षेत्र में नरमी को देखते हुए, इसमें उंची ब्याज लागत पर अतिरिक्त एचएनआई निवेश आदि से कीमतों में और तेजी ही आएगी।
इसमें देश को इस समय 1.878 करोड़ अतिरिक्त मकानों की जरूरत है जिसमें से 95.62 प्रतिशत की मांग आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय समूह (एलआईजी), मध्यम आय समूह (एमआईजी) से है।
एसोचैम का कहना है कि आवास क्षेत्र को ढांचागत क्षेत्र का दर्जा दिए जाने से इसमें अधिक पूंजी निवेश आकषिर्त करने में मदद मिलेगी। एसोचैम ने रीयल इस्टेट क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए शर्तों में ढील देने की भी वकालत की है।
(एजेंसी)